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एक बार फिर बदली शनि की चाल, इन 5 राशियों पर पड़ेगा सबसे अधिक प्रभाव, रोजाना करें ये खास उपाय

12 जुलाई को शनिदेव मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि के मकर राशि में प्रवेश करते ही एक बार फिर धनु, मकर, कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 12 July 2022 01:21 PM
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12 जुलाई को शनिदेव कुंभ राशि से मकर राशि में प्रवेश कर गए हैं। शनि के मकर राशि में प्रवेश करते ही एक बार फिर धनु, मकर, कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।  

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या की वजह से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए रोजाना राजा दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस स्तोत्र का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। आगे पढ़ें राजा दशरथ कृत शनि स्तोत्र...

राजा दशरथ कृत शनि स्तोत्र
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।
 
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।
 


नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ  वै नम:।
नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।
 
नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।
 

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते।।
 
तपसा दग्धदेहाय नित्यं  योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।
 
ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।
 
देवासुरमनुष्याश्च  सिद्घविद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।
 
प्रसाद कुरु  मे  देव  वाराहोऽहमुपागत।
एवं स्तुतस्तद  सौरिग्र्रहराजो महाबल:।।

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