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Adhik Maas Purnima 2023:सावन अधिकमास की पूर्णिमा पर करें श्रीहरि और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के विशेष उपाय

इस साल सावन अधिकमास की पूर्णिमा पर बेहद 3 शुभ संयोग बन रहे हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है और घर में सुख-शांति आती है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 1 Aug 2023 08:35 AM
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Adhik Maas Purnima 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, 1 अगस्त 2023 को सावन अधिक मास की पूर्णिमा पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। इस खास अवसर पर स्नान, दान और शुभ कार्यों से घर में सुख-शांति आती है। स्नान और दान से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं। साथ ही मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करने धन और आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। चलिए जानते हैं सावन अधिकमास की पूर्णिमा पर भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्रमा की कृपा पाने के विशेष उपाय...

अधिकमास की पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त: अधिकमास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 1 अगस्त 2023 को सुबह 3 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगी और 2 अगस्त 2023 को सुबह 12 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी। सुबह 4 बजकर 18 मिनट से 5 बजे तक स्नान दान का शुभ मुहूर्त बन रहा है। इस शुभ योग में स्नान-दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

अधिकमास की पूर्णिमा पर बन रहे हैं 3 शुभ योग: 1 अगस्त 2023 को अधिकमास की पूर्णिमा पर 3 शुभ योग बन रहे हैं। जिसके कारण इस दिन का महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है। इस दिन आयुष्मान योग 6 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगा और 2 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं प्रीति योग का शुरुआत 31 जुलाई रात 11 बजकर 5 मिनट से शुरू हो जाएगा और 1 अगस्त 2023 को शाम 6 बजकर 53 मिनट पर खत्म होगा। इस दिन लक्ष्मी नारायण योग भी बन रहा है। इस योग में किए गए उपायों से धन लाभ के मार्ग बनते हैं।

क्यों खास है पूर्णिमा?
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का बड़ा महत्व है। इस दिन चंद्रदेव पूर्ण आकार में नजर आते हैं। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्रदेव की पूजा की जाती है। चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली में चंद्र दोष दूर होता है और व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और खुशहाली आती है।

श्रीहरि और मां लक्ष्मी की पूजा: पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष पूजा करनी चाहिए। मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें। अभिषेक के लिए केसर का दूध इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

चंद्रदेव की पूजा करें:अधिकमास की पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के चंद्र देव की पूजा करें। शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और बेलपत्र अर्पित करें। शाम को चंद्रोदय के बाद चांदी या मिट्टी के बर्तन से चंद्रमा को अर्घ्य दें और उनकी पूजा करें।

इस मंत्र का करें जाप: अधिकमास की पूर्णिमा पर शुभ फलों की प्राप्ति के लिए विष्णुजी के 'ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
 

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