Sakat Chauth Vrat 2022 : संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत आज, संध्या में चंद्रमा को अर्घ्य देंगी महिलाएं, नोट कर लें चांद निकलने का समय
Sakat Chauth Vrat 2022 : संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत माघ कृष्णपक्ष चतुर्थी शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन संध्या में व्रती चंद्रमा को अर्घ्य देंगी। इसको तिल चतुर्थी या माघी चतुर्थी भी कहा जाता है।...
Sakat Chauth Vrat 2022 : संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत माघ कृष्णपक्ष चतुर्थी शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन संध्या में व्रती चंद्रमा को अर्घ्य देंगी। इसको तिल चतुर्थी या माघी चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश और चन्द्र देव की उपासना की जाती है।
पंडित प्रभात मिश्र ने बताया कि मान्यता के अनुसार जो भी इस दिन भगवान गणेश की उपासना करते हैं उनके जीवन से सभी संकट व बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस व्रत को महिलाएं संतान प्राप्ति एवं उनके स्वास्थ्य एवं समस्या निवारण के लिए भी करती हैं। व्रत के दिन व्रती महिलाएं सुबह में स्नान कर भगवान गणेश का उपासना करती हैं और उनके व्रत कथा को सुनती हैं।
व्रती दिन में निराहार या फलाहार उपवास रखती हैं। संध्या में भगवान गणेश की विधिवत पूजा करती हैं और तिल के लड्डू, दूर्वा और पीले पुष्प गणेश जी को अर्पित करती हैं। वहीं, पूजा के उपरांत चन्द्र देव को दूध का अर्घ्य देती हैं। अर्घ्य देते समय व्रती अपनी निगाहें नीचे रखती हैं और गणेश जी के मन्त्रों का जाप कर खुशहाली की कामना करती हैं।
बताया कि अर्घ्य का शुभ मुहूर्त रात्रि 8.31 से 9.43 बजे तक का है। तत्पश्चात भगवान गणेश के पूजा स्थल के समीप घी का दीपक जलाते हैं और व्रती अपनी उम्र के बराबर तिल के लड्डू अर्पित कर भगवान गणेश की पूजा करती हैं। गणेश पूजा के समय अगर पति-पत्नी साथ बैठकर ‘ॐ वक्रतुण्डाय नमः मंत्रोच्चारण का जाप करते हैं तो वह काफी शुभकारी माना जाता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।