Hindi Newsधर्म न्यूज़Sakat Chauth 2023: Sakat Chauth Vrat today know from astrologer sakat chauth vrat vidhi shubh muhurat chand nikalne ka samay what not to do in Vrat and read Vrat Katha and Ganesh ji aarti in hindi

Sakat Chauth 2023: आज सकट चौथ व्रत, ज्योतिषाचार्य से जानें व्रत में पूजा का तरीका, शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय टाइम, व्रत में क्या न करें और पढ़ें व्रत कथा , गणेश जी का आरती

प्रत्येक वर्ष माघ कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को संतान के सुख सौभाग्य आरोग्यता वैभव में वृद्धि के लिए  श्री गणेश चतुर्थी व्रत माताओं द्वारा बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ रखा जाता है। शास्त्रों में इस व्रत को

Anuradha Pandey पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली, नई दिल्लीTue, 10 Jan 2023 06:40 PM
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Sakat Chauth 2023: प्रत्येक वर्ष माघ कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को संतान के सुख सौभाग्य आरोग्यता वैभव में वृद्धि के लिए  श्री गणेश चतुर्थी व्रत माताओं द्वारा बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ रखा जाता है। शास्त्रों में इस व्रत को परम पुण्य दायक तथा मनोकामना पूर्ण करने वाला माना गया है । संकष्ठी चतुर्थी अर्थात सकट चौथ व्रत संतान की लंबी उम्र , सुख, सौभाग्य और खुशहाली के लिए रखा जाता है। इसे सकट चौथ के अलावा संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट, माघ चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन विधि विधान के साथ व्रत रखने की परंपरा है।  ऐसी मान्यता है कि सकट चौथ के दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा अर्चन करने से सभी कष्टों का अंत होता है। संतान के जीवन में आने वाली सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार संकष्ठी चतुर्थी अर्थात सकट चौथ का व्रत माता पार्वती ने अपने पुत्र कार्तिकेय से मिलने के लिए रखा था तथा भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती को खुश करने के लिए किया था। जिस प्रकार प्रत्येक माह के दोनों पक्षों की एकादशी के दिन व्रत करने से श्री हरि विष्णु की परम कृपा प्राप्त होती है। उसी प्रकार प्रत्येक माह की चतुर्थी तिथि को परम पुण्य दायक तिथि माना गया है इसी क्रम में माघ कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि के दिन व्रत करने से गणपति महाराज की विशेष कृपा प्राप्ति होती है। शास्त्रों में  संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत की विशेष महिमा बताई गई है। संतान के सुख सौभाग्य प्राप्ति के लिए यह व्रत शुभ फलदायक माना गया है।

Sakat Chauth 2023 puja Shubh muhurat: इस वर्ष यह परम पुण्य दायक पर व्रत माघ कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि 10 जनवरी 2023 दिन मंगलवार को किया जाएगा । मंगलवार के दिन यह व्रत पड़ने के कारण इसे अंगारकी संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत कहा जाएगा । इसे गणेश चौथ नाम से भी जाना जाता है । ऐसी मान्यता है आज के ही दिन श्री गणेश जी की उत्पत्ति हुई थी । इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा किया जाता है। इस वर्ष चतुर्थी तिथि का आरंभ 10 जनवरी को दिन में 9 बजकर 34 मिनट से आरम्भ होकर अगले दिन अर्थात 11 जनवरी को दिन में 11 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। वैसे तो उदया तिथि में सकट चौथ 11 जनवरी को प्राप्त हो रही है। परंतु सकट चौथ पर चंद्रमा के पूजन का खास विधान है। इसलिए यह व्रत 10 जनवरी को ही किया जाएगा। सकट चौथ 10 जनवरी को चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 23 मिनट पर है।

Sakat Chauth 2023 Puja Vidhi: सकट चौथ पूजा विधि-संतान के दीर्घायु और खुशहाल जीवन के लिए इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करना चाहिए। क्योंकि पूर्ण विधान से पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा सबसे ज्यादा होती है।
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र  धारण करना चाहिए।
व्रत करने वाली महिलाओं को लाल या पीले रंग का वस्त्र  धारण करना अच्छा माना जाता है ।
भगवान गणेश की प्रतिमा को चौकी पर लाल या पीले  आसन पर स्थापित करना चाहिए।
भगवान गणेश के साथ मां लक्ष्मी की भी मूर्ति को रखना आवश्यक होता है।
इसके बाद भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी की श्रद्धा भाव के साथ पूजा शुरू करनी चाहिए।
सबसे पहले गणेश जी और मां लक्ष्मी को स्नान कराकर वस्त्र आदि अर्पिता करके रोली और अक्षत लगाए। षोडशोपचार पूजन के बाद फूल , फल, दूर्वा, मोदक भगवान गणेश को चढ़ाना चाहिए।
सकट चौथ पर तिल का भी विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है। इसलिए भगवान श्रीगणेश को तिल के लड्डुओं का भोग अवश्य लगाना चाहिए।
इसके बाद " ऊं गं गणपतये नम:" इस मंत्र का अधिक से अधिक जप करना चाहिए।
उसके बाद सकट चौथ व्रत की कथा सुनना और सुनाना चाहिए और आरती करना चाहिए।
रात में  चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही सकट चौथ व्रत संपन्न करना चाहिए।

Sakat Chauth 2023 puja Do and Donts: गणेश जी के पूजा में क्या नहीं करना चाहिए-
शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश की पूजा में तुलसी के पत्ते का भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार तुलसी जी ने भगवान गणेश की तपस्या भंग की थी। जिसके बाद भगवान गणेश ने तुलसी को अपनी पूजा में शामिल नहीं करने का श्राप दिया था। व्रत करने वाली महिलाओं को संकट चौथ में तुलसी पत्र का प्रयोग नही करना चाहिए। साथ ही काले रंग का कपड़ा भी नहीं पहनना चाहिए। 

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