Ratna Jyotish: मूंगा सहित इन 8 रत्नों को धारण करने से खत्म होते हैं सभी ग्रहों के अशुभ प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की शांति के लिए रत्नों को धारण करना बहुत ही फलदायी माना गया है। अपनी राशि के अनुसार रत्नों को धारण करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।
Ratna Jyotish: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की शांति के लिए रत्नों को धारण करना बहुत ही फलदायी माना गया है। अपनी राशि के अनुसार रत्नों को धारण करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। बता दें कि इन रत्नों को पूरे नियम के साथ धारण किया जाता है। क्योंकि बिना नियम के पहनने पर इसके प्रभाव प्रतिकूल भी हो सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी रत्न पहनने जा रहे हैं तो सबसे पहले इनसे जुड़े हुए नियमों को अवश्य जान लें। आइए जानते हैं किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न पहनना फलदायी होगा और इसको धारण करने के क्या हैं नियम।
मोती धारण करने के नियम
चंद्रमा की शांति के लिए मोती रत्न धारण किया जाता है। इस रत्न को सोने या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर पहनें। ध्यान रखें कि अंगूठी का वजन 4 रत्ती से कम का न हो।
माणिक्य रत्न
सूर्य ग्रह की मजबूती के लिए माणिक्य रत्न पहना जाता है। इस रत्न को 3 रत्ती से ऊपर वजनी का पहनें। इसे कम से कम 5 रत्ती की सोने की अंगूठी में जड़वाएं।
पन्ना रत्न से जुड़े नियम
बुध ग्रह की शांति के लिए पन्ना रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। आप कम से कम 6 रत्ती का पन्ना धारण करें।
मूंगा धारण करने के उपाय
मंगल ग्रह को शांत करने के लिए कम से कम 8 रत्ती का मूंगा पहनें। रत्न को कम से कम 6 रत्ती की सोने की अगूठी में मढ़वाएं। बता दें कि मूंगा 3 बरस तक प्रभावी होता है।
पुखराज रत्न से जुड़े नियम
गुरु का आशीर्वाद पाने के लिए कम से कम 4 रत्ती का पुखराज रत्न धारण करें। इसे सोने या चांदी की बनी अंगूठी में जड़वाकर पहनें।
हीरा रत्न से जुड़े उपाय
शुक्र ग्रह को मजबूत बनाने के लिए हीरा धारण करना चाहिए। बता दें कि 1 रत्ती हीरे को कम से कम 7 रत्ती सोने की अंगूठी में पहनना चाहिए। इसका प्रभाव करीब 7 साल तक रहता है।
नीलम रत्न धारण करने के उपाय
जिसका शनि भारी है उसे 4 या इससे अधिक रत्ती का नीलम पहनना चाहिए। नीलम को लोहे की अंगूठी में धारण करना चाहिए। इसका प्रभाव 5 साल तक रहता है।
गोमेद रत्न को कैसे करें धारण
राहु की शांति के लिए गोमेद रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। इसे 4 रत्ती से ऊपर की अष्टधातु या चांदी की अंगूठी में धारण करना चाहिए।
लहसुनिया रत्न को ऐसे करें धारण
केतु की शांति के लिए लहसुनिया रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। आपको कम से कम 4 रत्ती लहसुनिया रत्न को धारण करना चाहिए। इसे कम से कम 7 रत्ती वजन की पंचधातु या लोहे की अंगूठी में मढ़वाकर धारण करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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