Ratna Jyotish: ग्रहों के अशुभ प्रभाव को खत्म करते हैं ये रत्न, राशि के अनुसार जानें धारण करने के नियम
राशि के अनुसार रत्न धारण करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को रोका जा सकता है। ये रत्न विधि और नियम के अनुसार ही पहने जाते हैं। क्योंकि बिना नियम के पहनने पर इसके प्रभाव प्रतिकूल हो जाते हैं।
Ratna Jyotish: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की शांति के लिए रत्नों को धारण करने का उपाय बताया गया है। राशि के अनुसार रत्न धारण करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को रोका जा सकता है। ये रत्न विधि और नियम के अनुसार ही पहने जाते हैं। क्योंकि बिना नियम के पहनने पर इसके प्रभाव प्रतिकूल हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप भी रत्न पहनने जा रहे हैं तो सबसे पहले इनसे जुड़े हुए नियमों को अवश्य जान लें। रत्न ज्योतिष में नौ ग्रहों के लिए नौ रत्न बताए गए हैं। आइए जानते हैं किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न पहनें और इसको धारण करने के नियम को विस्तार से।
माणिक्य रत्न को पहनने के नियम
सूर्य ग्रह की मजबूती के लिए माणिक्य रत्न 3 रत्ती से ऊपर वजनी का पहनें। इसे कम से कम 5 रत्ती की सोने की अंगूठी में जड़वाएं। ध्यान रहे, जड़वाए हुए माणिक्य का असर केवल चार वर्षों तक ही रहता है।
मोती को धारण करने के नियम
चंद्रमा की शांति के लिए 4 रत्ती का मोती पहनें। इस रत्न को सोने या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर पहनें। ध्यान रखें कि अंगूठी का वजन 4 रत्ती से कम का न हो।
मूंगा रत्न को धारण करने के नियम
मंगल को शांत करने के लिए कम से कम 8 रत्ती का मूंगा पहनें। रत्न को कम से कम 6 रत्ती की सोने की अगूठी में मढ़वाएं। बता दें कि मूंगा 3 बरस तक प्रभावी होता है।
पन्ना रत्न से जुड़े नियम
बुध ग्रह की शांति के लिए कम से कम 6 रत्ती का पन्ना धारण करें। इसे सोने की अंगूठी के साथ पहनना चाहिए।
पुखराज रत्न से जुड़े नियम
गुरु का आशीर्वाद पाने के लिए कम से कम 4 रत्ती का पुखराज धारण करें। इसे सोने या चांदी की बनी अंगूठी में जड़वाकर पहनें। इसका प्रभाव तकरीबन 4 साल तक रहता है।
हीरा रत्न से जुड़े नियम
शुक्र ग्रह को मजबूत बनाने के लिए 1 रत्ती का हीरा धारण करना चाहिए। रत्न को कम से कम 7 रत्ती की सोने की अंगूठी में पहनना चाहिए। इसका प्रभाव करीब 7 वर्ष तक रहता है।
नीलम रत्न को धारण करने के नियम
जिसका शनि भारी है उसे 4 या इससे अधिक रत्ती का नीलम पहनना चाहिए। नीलम को लोहे की अंगूठी में धारण करना चाहिए। बता दें कि इसका प्रभाव 5 साल तक रहता है।
गोमेद रत्न को धारण करने के नियम
राहु की शांति के लिए कम से कम 4 रत्ती का गोमेद धारण करना चाहिए। इसे 4 रत्ती से ऊपर की अष्टधातु या चांदी की अंगूठी में धारण करना चाहिए।
लहसुनिया रत्न को धारण करने के नियम
केतु की शांति के लिए कम से कम 4 रत्ती का लहसुनिया रत्न को धारण करना चाहिए। इसे कम से कम 7 रत्ती वजन की पंचधातु या लोहे की अंगूठी में मढ़वाकर धारण करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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