Hindi Newsधर्म न्यूज़Ramazan 2024: The first fast will last for 13 hours 20 minutes know when the moon of Ramadan will be visible

13 घंटे 20 मिनट का होगा पहला रोजा, जानें कब दिखेगा रमजान का चाँद

Ramadan:

लाइव हिन्दुस्तान नई दिल्ली Sat, 9 March 2024 08:28 AM
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Ramazan 2024, Ramadan: मुस्लिम धर्म में रमजान का महीने बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है। इस पूरे महीने लोग रोजा रख अल्लाह की इबादत करते हैं। शाम के वक्त रोजा तोड़कर इफ्तारी करते हैं। रमजान का रोजा बेहद कठिन व्रत है, जिसे लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक रखते हैं। वहीं, रोज़े के दौरान पानी का सेवन भी नहीं किया जाता है। रमजान के चांद का दीदार होते ही सहरी और इफ्तार का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। 

कब दिखेगा चाँद?
पवित्र इस्लामी माह रमजान चंद दिनों के फासले पर है। सोमवार 11 मार्च को रमजान का चांद देखा जाएगा। चांद नजर आया तो मंगलवार 12 मार्च को पहला रोजा होगा। अगर चांद नहीं नजर आया तो पहला रोज़ा बुधवार 13 मार्च को रखा जाएगा। रमजान का चांद दिखने के साथ ही मस्जिदों और घरों में विशेष तरावीह की नमाज का दौर शुरू हो जाएगा।

सबसे छोटा होगा पहला रोजा 
मुस्लिम घरों में रमजान की तैयारियां शुरु हो चुकी हैं। इस साल पहला रोजा सबसे छोटा होगा। जो करीब 13 घंटे 20 मिनट का होगा। वहीं, आखिरी रोजा सबसे लम्बा रोजा 14 घंटा 08 मिनट का होगा। जो रमज़ान का सबसे बड़ा रोज़ा होगा। हाफिज़-ए-कुरआन रमजान की रातों में पढ़ी जाने वाली विशेष तरावीह नमाज पढ़ाने के लिए कुरआन-ए-पाक दोहराने में लगे हुए हैं। 

रमज़ान को लेकर मुस्लिम समाज में उत्साह है। इस्लाम धर्म में रमज़ान का महिना बेहद खास माना जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए माह-ए-रमज़ान का रोजा रखना फर्ज है। रमजान बहुत ही रहमत व बरकत वाला महीना है। अल्लाह के बंदे दिन में रोजा रखते हैं और रात में खास नमाज तरावीह पढ़ते हैं। इस माह में मुसलमान कसरत से जकात, सदका, फित्रा निकाल कर गरीब, बेसहारा और जरूरतमंदों की मदद करते हैं।

पहला अशरा रहमत का
मान्यताओं के अनुसार, पवित्र रमजान का पहला अशरा रहमत, दूसरा मग़फिरत, तीसरा जहन्नम से आजादी का है। रमजान रहमत खैर व बरकत का महीना है। इसमें रहमत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। माना जाता है की रमजान के महीने के दौरान जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। नफ्ल का सवाब फर्ज के बराबर और फर्ज का सवाब सत्तर फर्जों के बराबर दिया जाता है। रोजा खास अल्लाह के लिए है। अल्लाह रोजेदार के सारे गुनाह माफ कर देता है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

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