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Raksha Bandhan Shubh Muhurt: कल दिनभर है रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त, आज का है प्लान तो जान लें टाइमिंग

ज्योतिषाचार्यों की अलग-अलग राय है लेकिन ज्यादातर का कहना है कि रक्षा बंधन कल ही मनाना चाहिए। हालांकि, कुछ का मत यह भी है कि रात में राखी बंधवाई जा सकती है इसलिए 9 बजे के बाद रक्षाबंधन मना सकते हैं।

Prabhash Jha लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीWed, 30 Aug 2023 02:38 PM
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Raksha Bandhan 2023 Muhurt: रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार श्रावण पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से आरंभ होगी और 31 अगस्त की सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। पूर्णिमा की तिथि से लगता है कि आज रक्षाबंघन मनाने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन भद्राकाल की वजह से ऊहापोह की स्थिति पैदा हो गई है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक जब भद्रा लगती है, तब किसी भी तरह का शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए। पंचाग के मुताबिक 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से ही भद्रा शुरू हो जाएगी, जो रात 9 बजकर 1 मिनट तक तक भद्रा रहेगी। इस वजह से ये तो तय है कि रात 9 बजे तक राखी नहीं बंधवाई जा सकती लेकिन लोगों के मन में सवाल है कि अब यह आज रात करें या कल सुबह। इसको समझने के लिए हमने कुछ ज्योतिषाचार्यों से बात की, तो उनकी भी राय अलग-अलग निकली। कुछ ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि रात में राखी नहीं बांधी जा सकती, जबकि कुछ कह रहे हैं कि भद्रा खत्म होने के बाद राखी बांधने में कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि, ज्यादातर ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि रक्षाबंधन गुरुवार यानी कल ही बंधवाना चाहिए।

31 को भी रक्षाबंधन का मान 
मिथिलांचल में सर्वमान्य विश्वविद्यालय पंचांग के प्रधान संपादक ज्योतिषाचार्य पं.रामचंद्र झा ने बताया कि गुरुवार यानी कल पूर्णिमा में सूर्योदय होने के कारण पूरे दिन पुण्य काल रहेगा। इस दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। पंडित झा ने कहा कि शास्त्रों में कहा गया है कि जिसका उदय, उसी का अस्त होता है। इस लिहाज से 31 अगस्त को दिनभर रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा।  अखिल भारतीय  ज्योतिष परिषद के राष्ट्रीय महासचिव आचार्य कृष्णदत्त शर्मा भी  31 अगस्त को रक्षाबंधन मनाए जाने के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार को सुबह पूर्णिमा शुरू होते ही भद्रा लग रही है।  उनके मुताबिक, भद्राकाल रात नौ बजकर 12 मिनट तक रहेगा। 

आचार्य कृष्ण दत्त शर्मा कहते हैं, "जब अगले दिन सुबह सात बजे तक पूर्णिमा तिथि रहेगी जो कि उदयव्यापिनी होने से पूरे दिन मान्य होगी। कोई तारीख हमें दो दिन मिल रही हो यानी एक रात में और दूसरी सूर्यादय के समय तो उसमें सूर्योदय के समय वाली तारीख को शुभ माना जाता है। इसलिए 31 अगस्त को सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक राखी बांध सकते हैं।" कृष्ण दत्त शर्मा की तरह काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णुपति त्रिपाठी और आचार्य अरुण त्रिपाठी का भी कहना है कि 31 अगस्त को सूर्योदय 5.45 बजे होगा। पूर्णिमा तिथि सूर्योदय के बाद सुबह 7.45 बजे तक रहेगी। इस दृष्टि से शाम पांच बजे तक रक्षाबंधन का मान रहेगा।

30 की रात में बांधी जा सकती है राखी
बनारस के विद्वान 30 अगस्त के पक्ष में हैं। काशी विद्वत परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रो.रामचंद्र पाण्डेय ने बताया कि यदि पूर्णिमा का मान दो दिन प्राप्त हो रहा हो तथा प्रथम दिन सूर्योदय के एकादि घटी के बाद पूर्णिमा का आरंभ होकर द्वितीय दिन पूर्णिमा 6 घटी से कम प्राप्त हो रही हो तो पूर्व दिन भद्रा से रहित काल में रक्षाबंधन मनाना चाहिए। 31 अगस्त की तारीख को पूर्णिमा 6 घटी से कम प्राप्त हो रही है तथा 30 तारीख को 9 बजे तक भद्रा है, इसलिए 30 अगस्त को ही रात्रि में भद्रा के बाद रक्षाबंधन करना शास्त्र सम्मत होगा। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसरनागेंद्र पांडेय ने बताया, "हमारे शास्त्रों त्तें में रात्रिकाल में भी रक्षाबंधन का विधान है। धर्मसिंधु में कहा गया है कि रात्रौ भद्रावसाने तु रक्षाबन्ध प्रशस्यते यदि भद्रा का समापन रात्रि में हो जाता है तो रात्रि में ही रक्षाबंधन का पर्व मनाना चाहिए।

क्यों है भद्रा का इतना खौफ?
भद्रा को क्रूर और आसुरी प्रवृत्ति माना गया है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, भद्रा भगवान सूर्य और छाया की पुत्री और शनिदेव की बहन मानी  हैं। जब भद्रा पैदा हुईं तो सृष्टि को निगलने के लिए बेचैन हो गईं। इसके बाद सूर्यदेव को अपनी पुत्री पर नियंत्रण पाने के लिए ब्रह्माजी की मदद लेनी पड़ी। मान्यता है कि ब्रह्माजी ने उन्‍हें नियंत्रित करने के लिए पंचांग के प्रमुख अंग विष्टिकरण में स्थान दिया। भद्रा के कारण मांगलिक कार्य, यज्ञ और अनुष्ठान में विघ्न आने लगता है। यही वजह है कि  भद्काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

राखी बांधने के मुहूर्त:बुधवार 30 अगस्त

अमृत मुहूर्त
रात्रि - 09:02 से 10:30 बजे रात तक
चर योग रात्रि-10: 31 से 12:00 तक बजे तक

उदया पूर्णिमा: 31 अगस्त को राखी बांधने के मुहूर्त

शुभ योग - सुबह 06:00 बजे से  07: 06 बजे तक
चर योग: सुबह 10:44 से 12:19 तक
लाभ योग 12:19 से 13:55 तक
अमृत योग 13:55 से 15:30 तक
शाम 05:06से 06:41 (शुभ)

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