31 अगस्त को कितने बजे तक भाईयों की कलाई पर बांध सकते हैं राखी? ज्योतिषाचार्य से जानें सबकुछ
ज्योतिषाचार्य हिमांशु शास्त्री ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पर्व 31 अगस्त को होगा। 31 अगस्त को प्रातः 7:06 बजे तक पूर्णिमा है उसके पश्चात प्रतिपदा आएगी। इस दिन सूर्यदेव 6:03 बजे उदय होंगे।
राखी के त्योहार को संशय बुधवार को भी बरकरार रहा। बुधवार को भी बहनों ने भाई को राखी बांधी। रात नौ बजे क बाद भद्रा खत्म होने पर बहनों में भाइयों को तिलक लगाकर, नारियल का शगुन देकर कलाई पर राखी बांधी। वहीं गुरुवार को सुबह 7:06 बजे के बाद बहने भाइयों को राखी बांधेंगी।
ज्योतिष और विद्वानों द्वारा बार बार बताए जाने के बाद भी राखी के त्योहार को लेकर संशय बुधवार को भी रहा। बुधवार को राखी बांधी जाए या नहीं यही सवाल एक दूसरे पूछते नजर आए। हालांकि कुछ लोगों ने दिन में ही भाइयों को राखी बांधी। वहीं रात में भद्रा खत्म होने के बाद बहनों भाइयों को तिलक लगाया। तिलक करने के बाद भाई शगुन में नारियल देकर कलाई राखी बांधी। उसके मावा और मलाई से घेवर भी भाइयों को खिलाया। वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पुर्णानंदपुरी ने बताया कि भद्रा काल में दो त्योहार श्रावणी अर्थात रक्षाबंधन तथा फाल्गुनी अर्थात होली नहीं मनाने चाहिए। भद्रा काल में रक्षाबंधन मनाया जाएगा, तो राजा के लिए कष्टकारी होता है।
ज्योतिषाचार्य हिमांशु शास्त्री ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पर्व 31 अगस्त को होगा। 31 अगस्त को प्रातः 7:06 बजे तक पूर्णिमा है उसके पश्चात प्रतिपदा आएगी। इस दिन सूर्यदेव 6:03 बजे उदय होंगे। पूर्णिमा मात्र एक घंटा तीन मिनट रहेगी। उदया तिथि और साकल्पादिता तिथि धर्म कृत्योपयोगी रक्षाबंधन के लिए श्रेष्ठ मानी जाएगी।
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