Hindi Newsधर्म न्यूज़Purnima: When is the last full moon of the year Note down the puja time method and moon darshan time

Purnima: कब है साल की आखिरी पूर्णिमा? नोट कर लें पूजन मुहूर्त, विधि और चंद्र दर्शन समय

Purnima Date And Time: साल की आखिरी पूर्णिमा पर पूरी श्रद्धा भाव के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना करने से सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।

Shrishti Chaubey लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीWed, 13 Dec 2023 11:55 PM
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Purnima: हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा विशेष महत्व रखती है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि पर विशेष रूप से भगवान श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना बेहद ही शुभ माना जाता है। मान्यता है साल की आखिरी पूर्णिमा पर पूरी श्रद्धा भाव के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना करने से सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। इसलिए आइए जानते हैं मार्गशीर्ष पूर्णिमा की सही डेट, पूजा का शुभ मुहूर्त, चंद्र दर्शन टाइम और विधि-

साल की आखिरी पूर्णिमा कब?
हर साल मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन ही साल की आखिरी पूर्णिमा पड़ती है। वहीं, 26 दिसंबर, मंगलवार के दिन सुबह 05 बजकर 46 मिनट से पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी, जो बुधवार, 27 दिसंबर के दिन सुबह 06 बजकर 02 मिनट तक रहने वाली है। उदयातिथि के अनुसार, साल की आखिरी पूर्णिमा यानि मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर को मान्य होगी और इसी दिन पूर्णिमा व्रत और दान-स्नान किया जाएगा। 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 
ब्रह्म मुहूर्त- 05:22 ए एम से 06:17 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 05:50 ए एम से 07:12 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 12:01 पी एम से 12:42 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:05 पी एम से 02:46 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:29 पी एम से 05:56 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 05:31 पी एम से 06:53 पी एम
अमृत काल- 01:18 पी एम से 02:56 पी एम
निशिता मुहूर्त- 11:54 पी एम से 12:49 ए एम, दिसम्बर 27
चंद्रोदय समय- 04:45 पी एम

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा-विधि
मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। वहीं, अगर आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर घर में ही स्नान करें। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की साथ में पूजा करनी चाहिए। इस दिन विष्णु भगवान को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाने चाहिए और माँ लक्ष्मी को गुलाबी या लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाना चाहिए। वहीं, मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा पढ़ना पुण्यदायक माना जाता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन पवित्र जल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत रखने और इस दिन लक्ष्मी नारायण की विधिवत पूजा करने से घर में सुख-संपत्ति और खुशहाली बनी रहती है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

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