30 या 31 कब है सावन पूर्णिमा? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Purnima: सावन पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से लक्ष्मी नारायण की पूजा अर्चना की जाती है, जिससे घर में सुख संपत्ति बनी रहती है। वहीं, इस बार सावन की पूर्णिमा तिथि 2 दिन मानी जा रही है।
Purnima: हिंदू धर्म में सावन के दौरान पड़ने वाली पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। वहीं, इस बार सावन पूर्णिमा पर महा दुर्लभ योग बन रहे हैं, जिससे यह तिथि बेहद खास मानी जा रही है। सावन पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से लक्ष्मी नारायण की पूजा अर्चना की जाती है, जिससे घर में सुख संपत्ति बनी रहती है। वहीं, इस बार सावन की पूर्णिमा तिथि 2 दिन मानी जा रही है, जिसे लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसलिए लिए जानते हैं कि इस साल सावन पूर्णिमा का व्रत किस दिन रखा जाएगा-
शुभ मुहूर्त
ज्योतिष विद्या के अनुसार इस बार सावन महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 30 अगस्त के दिन दोपहर के समय 12 बजकर 28 मिनट पर होगी। वहीं, अगले दिन 31 अगस्त गुरुवार के दिन सुबह के समय 8 बजकर 30 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी। इसलिए 30 अगस्त यानी बुधवार के दिन ही सावन की पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा।
पूजा विधि
सावन की पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। वहीं, अगर आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर घर में ही स्नान करें। सावन की पूर्णिमा तिथि के दिन पूरे विधि विधान से लक्ष्मी नारायण की पूजा करनी चाहिए। इस दिन प्रभु को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाना चाहिए। वहीं, सावन पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है। सावन पूर्णिमा का व्रत रखने और इस दिन लक्ष्मी नारायण की विधिवत पूजा करने से घर में सुख संपत्ति और खुशहाली बनी रहती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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