Hindi Newsधर्म न्यूज़New Year Horoscope 2023: Shani Dev transit in Aquarius in the new year will bring a big change for Leo know remedies horoscope

New Year Horoscope 2023: नए साल में शनि देव का कुंभ में गोचर सिंह और कन्या के लिए कराएगा बड़ा परिवर्तन, राशिफल के साथ ज्योतिषी के उपाय भी जान लें

 मकर एवं कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि देव का गोचरीय परिवर्तन अपनी पहली राशि मकर से अपनी दूसरी राशि कुंभ में माघ कृष्ण पक्ष दशमी तिथि 17 जनवरी 2023 दिन मंगलवार की रात में 4 बजकर 30 मिनट पर धनिष्ठा नक्ष

Anuradha Pandey पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली, नई दिल्लीThu, 22 Dec 2022 01:25 PM
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 मकर एवं कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि देव का गोचरीय परिवर्तन अपनी पहली राशि मकर से अपनी दूसरी राशि कुंभ में माघ कृष्ण पक्ष दशमी तिथि 17 जनवरी 2023 दिन मंगलवार की रात में 4 बजकर 30 मिनट पर धनिष्ठा नक्षत्र के द्वितीय चरण से धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण में होने जा रहा है। शनि देव कुंभ राशि में लगभग ढाई वर्षो तक रहकर अपना संपूर्ण प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति सहित चराचर जगत पर स्थापित करेंगे ।शनिदेव शनै शनै चलने वाले ग्रह है अर्थात धीरे धीरे गति करने वाले ग्रह हैं लेकिन अपने प्रभाव में मजबूती प्रदान करते हैं । कुम्भ राशि मे शनि देव अपने प्रभाव में संपूर्णता प्रदान करेंगे । इस परिवर्तन के साथ न्याय कर्ता के रूप में प्रत्येक व्यक्ति पर अलग-अलग प्रभाव स्थापित करेंगे और इसका निर्धारण होगा व्यक्ति के अपने कर्म के अनुसार अर्थात व्यक्ति जिस प्रकार का कर्म करेगा उसी प्रकार का उसे फल प्रदान करेंगे । न्यायधीश शनि देव मेष राशि में नीच स्थिति को प्राप्त करते हैं तुला राशि में उच्च स्थिति को प्राप्त करते हैं तथा मकर और कुंभ में स्वगृही होकर प्रभाव स्थापित करते है। सिंह, कन्या लग्न अथवा राशि वालों पर शनि देव किस प्रकार का प्रभाव स्थापित करने जा रहे हैं इसको जानेंगे।

सिंह लग्न अथवा सिंह राशि वालों के लिए शनिदेव का परिवर्तन सप्तम भाव अर्थात दांपत्य भाव करेंगे। इसके बाद ये सप्तमेश होकर अपनी राशि में गोचर करेंगे। ऐसी स्थिति में दांपत्य सुख में वृद्धि तो होगी साथ आपके अपने पार्टनर से प्रेम संबंधों में भी सुधार होगा। अगर आप पार्टनरशिप का बिजनेस करते हैं तो आपको उनन्ति मिल सकती है। इस दौरान आपके बिजनेस में नए कॉन्टेक्ट्स बनेंगे। शनिदेव की नीच दृष्टि भाग्य भाव पर होने के कारण भाग्य में सामान्य तनावहोगा, कार्य में बाधा आएगी।  पिता के स्वास्थ्य को लेकर के भी थोड़ा सा सतर्क रहना होगा, उन्हें भी शनि के उपाय करना चाहिए। कर्म के फलों में देरी या अवरोध की भी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। शनिदेव की सप्तम दृष्टि लग्न अर्थात शरीर भाव पर होगा। ऐसे में अपनी सेहत का खास ध्यान रखें। इसके अलावा आप अपने विचारों को बार-बार पलटते रहेंगे, इसलिए इस समय कोई फैसला न लें। सेहत से जुड़ी  हड्डी में चोट, मानसिक चिंता, सिर की समस्या इस अवधि में आपको हो सकती है, इसलिए इसका खास ध्यान रखें।  

कन्या* :- कन्या लग्न एवं राशि वालों के लिए शनि देव का परिवर्तन छठे भाव अर्थात रोग कर्ज एवं शत्रु के भाव पर हो रहा है। ऐसे में पुराने रोगों से मुक्ति मिलेगी। पुराने कर्ज धीरे-धीरे समाप्त होने लगेंगे एवं शत्रुओं पर विजय प्राप्त की स्थिति बन जाएगी । अध्ययन अध्यापन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अवरोधक होगा। मन मे पढ़ाई को लेकर भटकाव हो सकता है। शनिदेव की तृतीय नीच दृष्टि अष्टम भाव पर होने से पेट की समस्या तनाव उत्पन्न करेगा। पैर में चोट अथवा दर्द की भी स्थिति बनी रह सकती है । पथरी व किडनी की समस्या या पेशाब से संबंधित समस्या इस समय तनाव उत्पन्न करता रहेगा।शनि देव की सातवीं दृष्टि व्यय भाव अर्थात खर्च भाव सिंह राशि पर होगा। परिणाम स्वरूप यात्राओं पर खर्च ।अचानक शिक्षा से संबंधित कार्यों पर खर्च। राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए पद प्रतिष्ठा में वृद्धि के साथ खर्च में वृद्धि की स्थिति उत्पन्न होगी । आंखों की समस्या भी इस अवधि में तनाव दे सकता है । शनिदेव की दशम दृष्टि पराक्रम भाव वृश्चिक राशि पर होगा परिणाम स्वरूप पराक्रम में तीव्रता के साथ वृद्धि । सामाजिक दृष्टि से प्रगति के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है । भाई बहनों को स्वास्थ्य संबंधित कष्ट। पारिवारिक विवादों से मुक्ति की स्थिति उत्पन्न होगा। समय-समय पर शनिदेव का दर्शन पूजन से शुभ फलों में वृद्धि होगा।

कन्या :- कन्या राशि वालों के लिए न्यायाधीश शनि देव का गोचरीय परिवर्तन पंचम भाव से छठे भाव पर होगा जहां पंचम भाव में शनि देव विद्या एवं संतान के क्षेत्र में सकारात्मक प्रगति कर रहे थे । वहीं पर छठे भाव में जाकर शनि देव पुराने रोगों से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में विजय प्रदान करते हुए लंबी यात्राएं भी कराएंगे । रोग कर्ज एवं शत्रु के भाव पर क्रूर ग्रह शनि देव का गोचरीय परिवर्तन पुराने रोगों को समाप्त करने के साथ-साथ कर्ज की स्थिति से भी बाहर निकालेंगे। शनिदेव शत्रुओं पर भी विजय प्रदान करके सामाजिक प्रतिष्ठा में विस्तार करेंगे। जबकि अध्ययन अथवा पढ़ाई कर रहे लोगों के लिए थोड़ा सा समय प्रतिकूल साबित होगा । पढ़ाई को लेकर के मन में अस्थिरता। डिग्री को लेकर के संशय का वातावरण के साथ-साथ मूल लक्ष्य से भटकाव की स्थिति भी उत्पन्न कराएंगे । 
*शनिदेव की नीच दृष्टि अष्टम स्थान मेष राशि पर होने के कारण पैर में चोट अथवा दर्द की भी स्थिति उत्पन्न हो सकती है । आंतरिक समस्या विशेष कर पेशाब संबंधी समस्या हार्मोन आवश्यकता के साथ-साथ पेट के आंतरिक हिस्से में भी कष्ट उत्पन्न हो सकता है । 
*शनि देव की अगली दृष्टि द्वादश भाव सिंह राशि अर्थात व्यय के भाव पर होगा । अतः लम्बी दूरी की यात्राओं पर खर्च । नई डिग्री लेने के लिए दूर की यात्राएं एवं यात्राओं पर अपेक्षा के ज्यादा खर्च की स्थिति उत्पन्न हो सकता है ।सामाजिक एवं राजनैतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए पद प्रतिष्ठा, सम्मान में विस्तार के साथ साथ अचानक खर्च में वृद्धि भी उत्पन्न होगा। आंखों पर विशेष तौर पर ध्यान रखने की आवश्यकता है। क्योंकि इस अवधि में आंखों की समस्या के कारण खर्च की स्थिति बढ़ सकती है ।
*शनि देव की दशवीं दृष्टि पराक्रम भाव वृश्चिक राशि पर होने के कारण पराक्रम में सकारात्मक वृद्धि होगा । सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अथवा राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए थोड़ा संघर्ष पूर्ण स्थिति उत्पन्न हो सकता है । भाई बंधुओं मित्रों को लेकर भी मन थोड़ा और अप्रसन्न रह सकता है। इस प्रकार सनी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तो उत्तम फल परंतु स्वास्थ्य सामाजिक एवं खर्च के दृष्टिकोण से सकारात्मक परिणाम नहीं प्रदान करेंगे। अतः शनिवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में दर्शन पूजन एवं शनि देव की आराधना विशेष तौर पर फल दायक होगा।

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