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New Year : साल 2023 में भारत का बढ़ेगा मान, दुनिया होगी हैरान, मजबूत होगी स्थिति, ज्योतिषाचार्य से जानें नए साल का भविष्यफल

new year 2023 horoscope : वर्ष 2023 में अंक सात अर्थात केतु ग्रह का प्रभाव होगा। इस वर्ष कई चौंकाने वाली घटनाएं सामने आएंगी। आर्थिक स्तर पर भारत के लिए यह वर्ष बेहतर होगा। शेयर बाजार में मजबूती आएगी।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 1 Jan 2023 09:30 AM
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वर्ष 2023 में अंक सात अर्थात केतु ग्रह का प्रभाव होगा। इस वर्ष कई चौंकाने वाली घटनाएं सामने आएंगी। आर्थिक स्तर पर भारत के लिए यह वर्ष बेहतर होगा। शेयर बाजार में मजबूती आएगी। यह वर्ष केतु और चंद्रमा के प्रभाव में एक विनाशकारी भूकंप की ओर भी संकेत करता है। वर्ष 2022 के अंत में आया चंद्र ग्रहण भी भूकंप और जल से संबंधित आपदा को दर्शाता है।

यह वर्ष परिवर्तन का वर्ष होगा। इस वर्ष भारत के पूर्वी क्षेत्र में एक नए केंद्र शासित प्रदेश की स्थापना हो सकती है। भारत की उत्तर पूर्व सीमा पर तनाव बढ़ सकता है और कुछ छिटपुट झड़प हो सकती है। सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी। क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत का प्रदर्शन औसत रहेगा। भारत की स्थिति अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत होती दिख रही है। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। इस वर्ष राजनीति में भ्रम की अधिकता रहेगी। कुछ बड़े राजनीतिज्ञों को अपना पद त्यागना पड़ सकता है। इस वर्ष ट्रेवल और टूरिज्म उद्योग में काफी वृद्धि होगी। यही नहीं आयात-निर्यात, हेल्थ केयर उद्योग, सर्विस क्षेत्र में बेहतरी होगी। इसके अतिरिक्त यह वर्ष अध्यात्म, ज्योतिष, योग और आयुर्वेद के लिए सर्वोत्तम है। इस क्षेत्र से जुड़े लोग काफी अच्छा करेंगे।

दुनिया के लिए चौंकाने वाला वर्ष

वर्ष 2023 में केतु ग्रह के प्रभाव से दुनिया में नए दर्शन की शुरुआत होगी। मानव मूल्यों को लेकर लोगों में जागृति आएगी। यह वर्ष मानवता को बढ़ावा देगा। केतु एकांत को दर्शाता है। लोग पश्चिम के पूंजीवादी आदर्शों को अस्वीकार करने लगेंगे। संयुक्त राष्ट्र संघ कमजोर होने लगेगा। इस वर्ष दुनिया के कई देश आर्थिक संकट का सामना करेंगे। ‘नाटो’ कमजोर होगा और दुनिया बहुध्रुवीय हो जाएगी।

यह वर्ष दुनिया के लिए परिवर्तन और चौंकाने वाला वर्ष होगा। भारत, जिसे अध्यात्म के लिए जाना जाता है, दुनिया में शांति के लिए बड़ी भूमिका निभाएगा। दुनिया के पश्चिमी देश बर्फ गलने से परेशान होंगे और आर्थिक रूप से कमजोर होते जाएंगे। नया साल केतु का वर्ष होने के कारण निश्चित रूप से पूरी धरती के तापमान में इजाफा होगा। यही नहीं, पश्चिमी देशों में जलवायु परिवर्तन का असर लोगों के जीवन पर ही नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी दिखेगा। लोग आधुनिक जीवन शैली के बारे में पुनर्विचार करना शुरू करेंगे। बढ़ते तापमान से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। खासकर एशिया-अफ्रीका के देशों में इसका असर साफ दिखेगा। पश्चिमी सभ्यता का बोलबाला कम होने लगेगा।

लोग अफवाहों की तरफ ज्यादा जाएंगे। परंपराएं टूटेंगी। यूरोप और कई पश्चिमी देशों में सरकारों को विरोध का सामना करना पड़ेगा। यह वर्ष कई प्राकृतिक आपदाओं-जैसे सूखा, सुनामी, विनाशकारी भूकंप आदि को लाने वाला होगा। रूस-यूक्रेन युद्ध अपने चरम पर होगा। दुनिया के कई देश अपनी साख खो देंगे। इस वर्ष के अंत तक विश्व में शक्ति का संतुलन बदल जाएगा। दुनिया में नए दर्शन और नेतृत्व को सराहा जाएगा। अध्यात्म की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ेगा।

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