Hindi Newsधर्म न्यूज़Navratri 4th Day 2023: Fourth day of Chaitra Navratri know Pujan Muhurat of Maa Kushmanda Bhog Colour and Vidhi

Navratri 4th Day 2023: चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन आज, जानें मां कूष्मांडा के पूजन का शुभ मुहूर्त, विधि, भोग व शुभ रंग

Chaitra Navratri 4th Day 2023: चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन 25 मार्च 2023, शनिवार को है। इस दिन मां दुर्गा के मां कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दु्स्तान टीम, नई दिल्लीSat, 25 March 2023 09:37 AM
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Chaitra Navratri 4th Day 2023, Maa Kushmanda Importance: चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन 25 मार्च 2023, शनिवार को है। नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, मां दुर्गा ने अपनी मंद मुस्कान से पिंड से ब्रह्मांड तक का सृजन इसी स्वरूप में किया था। मां कूष्मांडा तेज की देवी का प्रतीक है। देवी के कूष्मांडा स्वरूप के दर्शन पूजन से न सिर्फ रोग-शोक का हरण होता है बल्कि यश, बल और धन में भी वृद्धि होती है। जानें मां कूष्मांडा का स्वरूप, भोग, पूजा विधि, शुभ रंग व मंत्र-

मां कूष्मांडा का स्वरूप-

मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। मां को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। आठवें हाथ में जपमाला है। मां दुर्गा की सवारी सिंह है। काशी में देवी के प्रकट होने की कथा राजा सुबाहु से जुड़ी हुई है। 

नवरात्रि के चौथे दिन का शुभ रंग- 

नवरात्रि के चौथे दिन हरा रंग पहनना शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, मां कूष्मांडा को हरा रंग अतिप्रिय है।

मां कूष्मांडा का भोग-

मां कूष्मांडा को भोग में मालपुआ अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां कूष्मांडा प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं।

नवरात्रि के चौथे दिन के शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:46 ए एम से 05:33 ए एम।
प्रातः सन्ध्या- 05:09 ए एम से 06:20 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 12:03 पी एम से 12:52 पी एम।
विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:19 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:34 पी एम से 06:57 पी एम।
अमृत काल- 08:32 ए एम से 10:07 ए एम।
निशिता मुहूर्त- 12:03 ए एम, मार्च 26 से 12:50 ए एम, मार्च 26
रवि योग- 06:20 ए एम से 01:19 पी एम

मां कूष्मांडा पूजा विधि-

सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
अब माता रानी को धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल और सूखे मेवे आदि अर्पित करें।
इसके बाद मां कूष्मांडा को हलवे और दही का भोग लगाएं। फिर इसे प्रसाद के रूप में वितरित करें।
मां दुर्गा का ज्यादा से ज्यादा ध्यान करें।
पूजा के अंत में मां की आरती करें। 

देवी कूष्मांडा मंत्र- 
मां कूष्मांडा की पूजा करते समय "या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्‍मांडा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:" मंत्र का जाप करने से माता रानी के प्रसन्न होने की मान्यता है।

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