Choti Diwali 2022: नरक चतुर्दशी के दिन क्यों की जाती है हनुमान पूजा, जानें महत्व, पूजन और दीपदान का शुभ समय
Narak Chaturdashi 2022 and Hanuman Puja: छोटी दिवाली के दिन हनुमान पूजा का विशेष महत्व होता है। जानें नरक चतुर्दशी के दिन क्यों की जाती है बजरंगबली की पूजा-
Narak Chaturdashi Deepdaan Timing and Hanuman Puja Importance: नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली इस साल 23,24 अक्टूबर दो दिन मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 03 मिनट से प्रारंभ हो रही है जो कि 24 अक्टूबर की शाम तक रहेगी। ऐसे में कुछ लोग उदया तिथि में छोटी दिवाली 24 अक्टूबर को मनाएंगे। इसी दिन बड़ी दिवाली भी है। छोटी दिवाली के दिन मृत्यु देवता यमराज की पूजा की जाती है। कुछ जगहों पर छोटी दिवाली के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस दिन को काली चौदस या रूप चौदस के नाम से भी जानते हैं। नरक चतुर्दशी के दिन रूप-सौंदर्य के साथ सुख-समृद्धि पाने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। जानिए छोटी दिवाली के दिन क्या करें और क्या नहीं-
नरक चतुर्दशी आज या कल? छोटी दिवाली क्यों मनाते हैं, जानिए यम पूजन विधि व दीपदान का समय
नरक चतुर्दशी के दिन करें बजरंगबली की पूजा-
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हुआ था। इस दिन नरक चतुर्दशी भी मनाई जाती है। इस साल नरक चतुर्दशी 23-24 अक्टूबर दो दिन है। हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की पूजा करने से संकट दूर होते हैं। इस दिन नारियल को अपने सिर पर सात बार उतारकर हनुमान जी को चढ़ाना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन की हर मुश्किल दूर हो जाती है। इस दिन पीपल के 11 पत्तों पर श्रीराम लिखकर उनकी माला बनाकर बजरंगबली को पहनानी चाहिए। इस उपाय को करने से नौकरी-व्यापार में तरक्की होती है।
दिवाली हनुमान पूजन का शुभ मुहूर्त-
दीपावली हनुमान पूजा मूहूर्त - 11:40 पी एम से 12:31 ए एम, अक्टूबर 24
अवधि - 00 घण्टे 51 मिनट्स
दीपदान का समय- 23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 03 मिनट के बाद से प्रारंभ।
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 23, 2022 को 06:03 पी एम बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त - अक्टूबर 24, 2022 को 05:27 पी एम बजे
हनुमान पूजा के चौघड़िया मुहूर्त-
लाभ - उन्नति- 09:16 ए एम से 10:41 ए एम
अमृत - सर्वोत्तम- 10:41 ए एम से 12:05 पी एम
शुभ - उत्तम- 01:30 पी एम से 02:54 पी एम
शुभ - उत्तम- 05:44 पी एम से 07:19 पी एम
अमृत - सर्वोत्तम- 07:19 पी एम से 08:55 पी एम
इन उपायों से भी होता है लाभ-
नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व पहले तिल के तेल से शरीर की मालिश करने से रूप-सौंदर्य बढ़ता है। नरक चतुर्दशी के दिन स्नान आदि करने के बाद माथे पर रोली का तिलक लगाना चाहिए और दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तिल वाले जल से यमराज का तर्पण करें। मान्यता है कि ऐसा करने से नरक में होने वाली यातनाओं से मुक्ति मिलती है।
न करें ये काम-
नरक चतुर्दशी के दिन मंदिर, रसोई घर, तुलसी, पीपल, बरगद, आंवला और आम के पेड़ के किनारे या बगीचे को गंदा न करें। यहां सफाई करने के बाद दीपक अवश्य जलाएं। मान्यता है ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन सुबह 6 बजे से पहले स्नान करना उत्तम रहेगा। छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के दिन सुबह तर्पण और शाम के वक्त दीपदान का महत्व है।
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