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Hindi Newsधर्म न्यूज़Narak Chaturdashi 2018: This Chaturdashi relates to Sri Krishna from Krishna

Narak Chaturdashi 2018: नर्क से मुक्ति दिलाती है श्रीकृष्ण से जुड़ी यह चतुर्दशी

नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती 6 नवंबर को है। इसे रूप चतुर्दशी के साथ-साथ नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि के अंत में जिस दिन चंद्रोदय के समय चतुर्दशी हो, उस दिन सुबह...

पं भानुप्रताप नारायण मिक्ष नई दिल्लीTue, 6 Nov 2018 06:34 AM
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नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती 6 नवंबर को है। इसे रूप चतुर्दशी के साथ-साथ नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि के अंत में जिस दिन चंद्रोदय के समय चतुर्दशी हो, उस दिन सुबह स्नानादि करें और - यमलोकदर्शनाभवकामोअहमभ्यंक स्नानं करिष्ये -कह कर संकल्प करें। शरीर में तिल के तेल आदि का उबटन लगा लें। हल से उखाड़ी मिट्टी का ढेला मस्तक के ऊपर बार-बार घुमा कर शुद्ध स्नान करें। वैसे तो कार्तिक स्नान करने वालों के लिए तेल लगाना वर्जित है, लेकिन ‘नरकस्य चतुर्दश्यां तैलाभ्यंग च कारयेत्। अन्यत्र कार्तिकस्नायी तैलाभ्यंग विवर्जयेत्॥'- के अनुसार नरक चतुर्दशी में तेल लगाना अति आवश्यक है। वरुण देवता को स्मरण करते हुएस्नान करना चाहिए। नहाने के जल में हल्दी और कुमकुम अवश्य डालना चाहिए। 

नरक चतुर्दशी को शाम को दीपक अवश्य जलाना चाहिए। इस दिन कृष्ण भगवान ने राक्षस नरकासुर का वध किया था और राजा बलि को भी भगवान विष्णु ने वामन अवतार में प्रकट होकर आशीर्वाद दिया था हर साल दिवाली पर इसी दिन उनके यहां आने का। 

नरक चतुर्दशी की एक कथा धर्मात्मा राजा रन्तिदेव से भी जुड़ी है। उन्होंने सदैव धर्म अनुसार राज्य किया, लेकिन एक दिन उनके द्वार से एक गरीब आदमी अन्नदान न मिलने से भूखा लौट गया। इस बात का राजा को पता भी नहीं चला। फलस्वरूप जिस दिन राजा की मृत्यु हुई उनके पास यमदूत खडे़ हो गए। राजा चौंक गए और पूछा- ‘जीवन भर कोई पाप तो हुआ नहीं, फिर आप क्यों आ गए?' यमदूत ने कहा-‘ गरीब आदमी आपके यहां से भूखा लौट गया था।' राजा तपस्वी थे।

यमदूत से एक साल का समय मांगा। ऋषियों से सलाह लेकर उन्होंने आज ही के दिन नरक चतुर्दशी का व्रत किया और भूखों को भोजन कराकर अपने अपराधों के लिए उनसे क्षमा मांगी। इससे राजा पापमुक्त होकर विष्णु लोक में प्रवेश कर गए। असल में पाप और नरक से मुक्ति दिलाता है नरक चतुर्दशी व्रत। इसी दिन हनुमान जयंती भी है। इस दिन हनुमान भक्तों को हनुमान चालीसा या सुंदर कांड पढ़ना चाहिए।

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