मंगल का राशि परिवर्तन, मेष वालों का भाग्य देगा साथ, मिथुन वाले लाल मसूर हनुमानमंदिर में दान करें
भूमि, भवन, वाहन , साहस, बल , पौरुष के कारक एवं ग्रहों में सेनापति के नाम से ग्रह मंगल का शुक्र की राशि वृष से बुध की राशि मिथुन में गोचरीय परिवर्तन होने जा रहा है । कार्तिक कृष्ण पक्ष पंचमी 14 अक्टूबर
भूमि, भवन, वाहन , साहस, बल , पौरुष के कारक एवं ग्रहों में सेनापति के नाम से ग्रह मंगल का शुक्र की राशि वृष से बुध की राशि मिथुन में गोचरीय परिवर्तन होने जा रहा है । कार्तिक कृष्ण पक्ष पंचमी 16 अक्टूबर 2022 को दिन में 10:45 के बाद से । बौद्धिकता, लेखन शक्ति , मैनेजमेंट के कारक ग्रह बुध की राशि मिथुन में मंगल का प्रवेश होगा। मंगल का मेष से लेकर मीन तक के सभी लग्नों तथा राशियों के साथ साथ भारत पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा । स्वतंत्र भारत की कुंडली मे मंगल व्यय एवं सप्तम भाव के कारक होकर धन ,कुटुंब भाव मे गोचर करने जा रहे है। ऐसे में धन की दृष्टि से ,व्यापार की दृष्टि से मंगल का यह परिवर्तन लाभदायक होगा। राष्ट्र में नए व्यापारिक संबंध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन सकते हैं ।
सरकार द्वारा उद्योग के क्षेत्र में नए निर्णय लिए जा सकते हैं। आर्थिक गतिविधियों के लिए यह समय अनुकूल पर बना रहेगा । मंगल शनि का षडाष्टक योग भी बन रहा है अर्थात छठे और आठवे का संबंध बन रहा है। ऐसे में अचानक बढ़ी दुर्घटना हो सकती है। पुलिस या सैन्य बल का नुकसान भी इस अवधि में देखा जा सकता है, विशेषकर राष्ट्र के पश्चिमी एवं उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में तनाव की गंभीरता ज्यादा हो सकती है। इस क्षेत्र में सैन्य बल को विशेष तौर पर सतर्क रहने की आवश्यकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ी दुर्घटना या विध्वंसक कार्य अचानक देखी जा सकती है विशेषकर दो राष्ट्रों के मध्य युद्ध की स्थिति विस्फोटक सामग्री का प्रयोग, दो बड़े राष्ट्र के मध्य वाक युद्ध के साथ ही साथ बल का व्यापक नुकसान होता भी दिखाई दे सकता है।
मेष :- लग्नेश एवं अष्टमेश होकर पराक्रम भाव में। पराक्रम में वृद्धि , सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि के सुंदर संयोग बनेंगे । प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के साथ-साथ शत्रुओं पर विजय प्राप्ति की भी संयोग बनेंगे।साथ ही साथ भाग्य का साथ प्राप्त होगा । भाई बंधुओं मित्रों का सहयोग सानिध्य प्राप्त होगा । क्रोध पर नियंत्रण अवश्य रखें । उपाय :- मूल कुंडली के अनुसार मूंगा रत्न धारण करने से लाभ की प्राप्ति अच्छी होगी।
वृष :- व्ययेश एवं सप्तमेश होकर धन भाव में।
धन संबंधित कार्यों में सफलता के संकेत प्राप्त होंगे । व्यापारिक गतिविधियों में प्रगति की स्थिति दिखाई देगी ।साझेदारी से जुड़े कार्यों अथवा व्यापार में संतोषजनक लाल का लाभ की स्थिति उत्पन्न होगी। पेट संबंधी समस्या इस अवधि में कष्ट उत्पन्न कर सकता है । वाणी पर नियंत्रण रखें । दांपत्य जीवन से सहयोग एवं लाभ की प्राप्ति के साथ ही साथ जीवन साथी के स्वास्थ्य पर खर्च भी बढ़ सकता है अर्थात पारिवारिक जनों पर खर्च बढ़ सकता है ।
उपाय :- श्री हनुमान जी की पूजा आराधना लाभदायक होगा।
मिथुन :- आयेश एवं रोगेश होकर शरीर भाव में, मानसिक चिंता एवं स्वास्थ्य को लेकर तनाव उत्पन्न हो सकता है। प्रेम संबंधों या दांपत्य जीवन में थोड़ा सा अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकता है । क्रोध पर नियंत्रण रखना अति आवश्यक है । माता के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता उत्पन्न हो सकता है । गृह एवं वाहन सुख पर खर्च । पेट की समस्या भी तनाव देगा परंतु आर्थिक गतिविधियों को लेकर सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकता है।
उपाय ;- श्री हनुमान जी महाराज की पूजा उपासना लाभदायक होगा। संभव हो तो सवा सौ ग्राम लाल मसूर की दाल श्री हनुमान जी के मंदिर में दान करते रहे प्रत्येक मंगलवार को।
कर्क :- राज्येश एवं पंचमेश होकर व्यय भाव में।
प्रतियोगिता में विजय के साथ-साथ अचानक यात्रा खर्च में भी वृद्धि की स्थिति उत्पन्न हो सकता है। शत्रु, रोग एवं कर्ज पर विजय प्राप्ति की स्थिति सकारात्मक होगा। पराक्रम में वृद्धि , मित्रों भाई बंधुओं का सहयोग एवं सानिध्य प्राप्त होगा । क्रोध अचानक बढ़ सकता है जिसके कारण दांपत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न हो सकता है। अधिक प्रयास करने पर ही परिश्रम सार्थक होगा।
उपाय :- मूल कुंडली के अनुसार मंगल का उपाय करें। विशेषकर मूंगा रत्न धारण करना लाभप्रद रहेगा ।
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