Hindi Newsधर्म न्यूज़Makar Sankranti Many auspicious coincidence after 17 years

मकर संक्रांति : 17 साल के बाद बन रहे कई शुभ संयोग

भगवान सूर्य का रविवार को मकर राशि में प्रवेश बीस मिनट देरी से होगा। साल की सबसे बड़ी संक्रांति पर सूर्य दोपहर 1.45 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस बार 17 साल बाद कई शुभ संयोग मिल रहे हैं। मकर राशि...

सूर्यकांत द्विवेदी मुरादाबादSun, 14 Jan 2018 03:31 AM
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भगवान सूर्य का रविवार को मकर राशि में प्रवेश बीस मिनट देरी से होगा। साल की सबसे बड़ी संक्रांति पर सूर्य दोपहर 1.45 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस बार 17 साल बाद कई शुभ संयोग मिल रहे हैं। मकर राशि शनिदेव की अपनी राशि है। इस तरह पिता सूर्य का अपने पुत्र की राशि में प्रवेश होगा। मकर संक्रांति से शुभ कार्य प्रारम्भ होंगे, लेकिन 4 फरवरी तक शुक्र अस्त होने से शादियों का योग नहीं है।मकर संक्रांति क्यों : सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति होती है।

दोपहर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश

ज्योतिषाचार्यो के अनुसार, मकर संक्रांति पर उदयकाल महत्वपूर्ण नहीं होता। हर साल सूर्य के धनु से मकर राशि में आने का समय बढ़ जाता है। इस बार भी 20 मिनट बढ़ा है। संक्रांति से 15 घंटे पहले और बाद का समय पुण्यकाल होता है। लिहाजा, अब आने वाले कुछ सालों तक 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति होगी।

जनवरी को मकर संक्रांति का संयोग मिलने से दोनों दिन स्नान-दान होंगे।

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमस्तु ते।( हे आदिदेव भास्कर, आपको प्रणाम है। हे दिवाकर, आपको नमस्कार है। हे प्रभाकर आपको प्रणाम है। आप मुझ पर प्रसन्न हों)

मंत्र

मकर संक्रांति से शुभ कार्य तो प्रारम्भ हो जाएंगे लेकिन विवाहादि के लिए चार फरवरी तक ठहरना होगा। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार शुक्र चार फरवरी तक अस्त रहेंगे।

सूर्य के उत्तरायन होने से सूर्य की किरणों सीधे धरती पर पड़ने लगेंगी और सर्दी का अवसान होने लगेगा। मकर संक्रांति से देवताओं का दिन प्रारम्भ होता है। दक्षिणायन में धरती पर सूर्य का प्रकाश कम आ पाता है, इसलिए सर्दी होती है।

मकर राशि शनि देव की अपनी राशि यानी घर है। मकर राशि में सूर्य का प्रवेश रविवार को होगा। मकर संक्रांति को सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से गुस्सा त्याग कर उनके घर (मकर राशि) में गए थे। इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, से पुण्य हजार गुना हो जाता है। मकर संक्रांति पर तिलादि का दान इसलिए किया जाता है क्योंकि यह देवान्न है व ऊर्जा का प्रतीक है।

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