Makar sankranti 2023: क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति, जानिए इसकी पूरी कथा
मकर संक्रांति के हिंदुओं का मुख्य त्योहार है इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। देशभर में इसे अलग- अलग नामों से मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान व उसके पश्चात दान किया जाता है। वैदिक पंचांग कद अनुसार इस साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन सुबह 08:21 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। आइए जानते हैं मकर संक्रांति की कथा-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य अपने पुत्र शनि देव से मिलने जाते हैं। उस वक्त शनि मकर राशि का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। पिता और पुत्र के आपसी मतभेद को दूर करने और अच्छा संबंध स्थापित करने के लिए सूर्य इस दिन शनि देव की राशि मकर में प्रवेश करते हैं। तब से इस संक्रांति को मकर संक्रांति के नाम से मनाया जाता है।
मकर संक्रांति के दिन ही बाणों की सज्जा पर लेटे भीष्म पितामह ने अपना देह त्याग कर मोक्ष की प्राप्ति की थी।
मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान और उसके पश्चात दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन उड़द की दाल, सरसों का तेल, तिल, और गुड़ का दान करने से शनि दोष से छुटकारा मिल जाता है।
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