माता लक्ष्मी, शनि, गुरु और राहु को प्रसन्न करने के लिए यह तारीख बहुत शुभ
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति कहा जाता है। इस दिन धनु राशि में चल रहे सूर्य खरमास के बाद मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस पर्व पर तिल का बहुत अधिक महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इस
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति कहा जाता है। इस दिन धनु राशि में चल रहे सूर्य खरमास के बाद मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस पर्व पर तिल का बहुत अधिक महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और विभिन्न चीजों का दान करने से कई ग्रहों के विपरीत प्रभावों का दोष समाप्त हो जाता है। ग्रहों की दृष्टि से देखा जाए तो यह दिन बहुत शुभ होता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य का अपने पुत्र शनि से मिलन होता है। इस दिन शुक्र ग्रह का उदय भी होता है। खरमास समाप्त होने के बाद से इस दिन मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। इसलिए इस दिन किए जाने वाले दान का बहुत पुण्य फल मिलता है। इस दिन गुरु, शनि और राहु के दोषों को दूर करने के लिए खास चीजों का दान किया जाता है।
शनि की साढ़े साती से प्रभावित लोगों को इस दिन तांबे के बर्तन में काले तिल को भरकर किसी गरीब को दान करना चाहिए। मकर संक्रांति के दिन नमक का दान करने से भी शुभ लाभ होता है। अगर धन की कमी है तो इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए गाय के दूध से बने घी का दान करना चाहिए। शनि के दोषों को दूर करने के लिए इस दिन काले और सफेद तिलों का दान या उनसे बनी चीजों का दान करना चाहिए। खासकर तिल के लड्डू आदि। इसके अलावा घी, नमक और खिचड़ी का दान भी शनि से जुड़ा है। इस दिन उड़द की दाल का दान भी शनि के दोषों को दूर करता है।
राहु के दोषों को दूर करने के लिए गर्म कपड़ों का दान किया जाता है। इस दिन कंबल, गर्म कपड़े किसी निर्धन को देने से राहु ग्रह शांत होते हैं और उनके होने वाले विपरीत प्रभाव भी समाप्त होते हैं। वहीं गुरु ग्रह के दोषों को दूर करने के लिए इस दिन गुड़ का दान करना चाहिए।
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