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रात 2.53 बजे मकर राशि में प्रवेश किया सूर्य ने, जानें राशि परिवर्तन का शुभ- अशुभ प्रभाव

Makar Sankranti Horoscope : मकर संक्रांति जिले में रविवार को मनायी जायेगी। मेष समेत 12 राशियों में सूर्य के परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं तथा इसका प्रत्येक राशियों पर प्रभाव अलग-अलग रहता है।

Yogesh Joshi हिन्दुस्तान टीम, पडरौनाSun, 15 Jan 2023 09:30 AM
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मकर संक्रांति रविवार को मनायी जा रही है। मेष समेत 12 राशियों में सूर्य के परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं तथा इसका प्रत्येक राशियों पर प्रभाव अलग-अलग रहता है। मकर संक्रांति पर दान, पुण्य व तप करने से सौ गुना फल प्राप्त होता है।

महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय ने बताया कि मकर संक्रान्ति पुण्यकाल इस वर्ष पौष शुक्ल अष्टमी 15 जनवरी दिन रविवार को मनायी जायेगी। इस दिन चित्रा नक्षत्र व धृति नामक योग है। 14 जनवरी शनिवार को रात्रि 2.53 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। धर्मसिंधु के अनुसार सूर्यास्त के पश्चात किसी भी समय मकर संक्रान्ति लगे, तो उसका पुण्यकाल दूसरे दिन मध्याह्न काल तक रहता है।

अतः मकर संक्रान्ति जिसे लोग खिचड़ी कहते हैं, वह पुण्यकाल में 15 जनवरी दिन रविवार को मनायी जाएगी। मेषा आदि 12 राशियों में सूर्य के परिवर्तन काल को संक्रान्ति कहा जाता है। अतः किसी भी संक्रान्ति के समय स्नान, दान, जप, यज्ञ का विशेष महत्व है। पृथ्वी के मकर राशि में प्रवेश को मकर संक्रान्ति कहते हैं। सूर्य का मकर रेखा से उत्तरी कर्क रेखा कि ओर जाना उत्तरायण तथा कर्क रेखा से दक्षिणी रेखा की ओर जाना दक्षिणायण कहा जाता है।

उत्तरायण में दिन बड़े हो जाते हैं तथा प्रकाश बढ़ जाता है। रातें, दिन की अपेक्षा छोटी होने लगती हैं। दक्षिणायण में इसके ठीक विपरीत होता है। शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण की अवधि देवताओं का दिन तथा दक्षिणायण की रात्रि है। वैदिक काल में उत्तरायण को देवयान तथा दक्षिणायण को पितृयान कहा जाता है।

मकर संक्रान्ति के दिन यज्ञ में दिए गए द्रव्य को ग्रहण करने के लिए देवता भी पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। इस मार्ग से पुण्यात्मायें शरीर छोड़कर स्वर्ग आदि लोकों में प्रवेश करती हैं। इसलिए इसे आलोक का अवसर माना जाता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन पुण्य, दान, जप तथा धार्मिक अनुष्ठानों का अत्यन्त महत्व है। इस अवसर पर किया गया दान पुनर्जन्म होने पर सौ गुना होकर प्राप्त होता है।

विभिन्न राशियों पर प्रभाव

ज्योतिषाचार्य राकेश पाण्डेय ने बताया कि मकर राशि पर सूर्य का प्रवेश शनिवार को रात्रि 2.53 बजे है। उस समय वृश्चिक लग्न भोग करेगी। अतः वृश्चिक राशि वालों के लिए यह संक्रान्ति अत्यंत लाभकारी होगी। मकर व कुम्भ राशि वालों के रुके हुए कार्य त्वरित होंगे। मेष व वृश्चिक राशि के लोगों को भूमि का सुख प्राप्त होगा।

वृष व तुला राशि के लोगों को वाहन व भवन का योग है। मिथुन व कन्या राशि के लोगों के लिए धन लाभ होगा। कर्क राशि के लोगों के लिए व्यापार में लाभ व रुके हुए कार्य होंगे। सिंह राशि के लोगों के लिए वाहन सुख की प्राप्ति व राजनैतिक लाभ होगा। धनु व मीन राशि के लोगों के लिए पद व प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगा।

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