Hindi Newsधर्म न्यूज़Lunar eclipse will start from 1:05 note down the exact time of Chandra Grahan moksha sutak period and keeping Sharad Purnima kheer

1:05 से शुरू होगा Chandra Grahan, नोट कर लें ग्रहण स्पर्श, मोक्ष, सूतक और खीर रखने का सटीक टाइम

Lunar Eclipse: ग्रहण लगने के कारण लोग कंफ्यूज हैं की लक्ष्मी पूजा कब करनी चाहिए और खीर रखनी भी चाहिए या नहीं। इसलिए आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां।

Shrishti Chaubey लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीSat, 28 Oct 2023 10:45 PM
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Moon Eclipse: कुछ घंटे बाद साल का अंतिम और दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। वहीं कई सालों बाद आज शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगेगा। शरद पूर्णिमा का चांद 16 कलाओं से पूर्ण होता है, जिसकी पूजा-अर्चना की जाती है और रात्रि में आसमान के नीचे खीर भी रखी जाती है। चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है। वहीं, ग्रहण लगने के कारण लोग कंफ्यूज हैं की पूजा कब करनी चाहिए और खीर रखनी भी चाहिए या नहीं। इसलिए आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण के स्पर्श, मोक्ष, सूतक का समय और खीर रखने का सटीक टाइम और विधि

चंद्र ग्रहण टाइम 
चंद्र ग्रहण का स्पर्श - रात्रि  1 बजकर 05 मिनट पर, 29 अक्टूबर  
चंद्र ग्रहण का मध्य- रात्रि 1 बजकर 44 मिनट, 29 अक्टूबर 
चंद्र ग्रहण का मोक्ष- रात्रि 2 बजकर 24 मिनट, 29 अक्टूबर 
चंद्र  ग्रहण का सूतक- शाम 4 बजकर 05 मिनट से , 28 अक्टूबर 

क्या है ग्रहण स्पर्श, मध्य, मोक्ष, सूतक?
ग्रहण की शुरुआत को ही ग्रहण का स्पर्श कहते हैं। वहीं, ग्रहण के मध्यम समय को ग्रहण का मध्य और ग्रहण समाप्त होने की अवधि को ग्रहण का मोक्ष कहते हैं। वही, चंद्र ग्रहण लगने से करीब 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है, जिसमें न तो भगवान की पूजा पाठ करनी चाहिए और न ही उन्हें स्पर्श किया जाता है।

खीर रखने/बनाने का समय
रात्रि 1:05 से ग्रहण की शुरुआत हो रही है, जिसका सूतक काल 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाएगा। शाम के 4:05 से चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य रहेगा। सूतक काल के दौरान न तो खीर बनानी चाहिए और न ही इसका सेवन करना चाहिए। ज्योतिष आचार्य की माने तो ग्रहण खत्म होने के बाद खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखा जा सकता है। वहीं, चाहे तो सूतक काल शुरू होने से पहले भी खीर बना सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें ग्रहण स्पर्श समय से पहले ही खीर को खुले आसमान के नीचे से हटा लें। खीर या फिर गाय के दूध में, जिससे खीर बनाने वाले हैं, ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए कुशा और तुलसी की पत्तियां डाल दें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

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