Hindi Newsधर्म न्यूज़Lunar eclipse October 2023: This year last lunar eclipse will start on sharad purnima 2023 know can we celebrate sharad purnima or not - Astrology in Hindi

Lunar Eclipse October 2023: शरद पूर्णिमा पर रहेगा चंद्रग्रहण का साया, क्या नहीं होगी अमृत वर्षा?, जानें पूरी डिटेल्स

हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का बड़ा महत्व है। इस दिन चंद्रदेव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन आकाश से अमृत की वर्षा होती है, लेकिन इस साल शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण भी लगेगा।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 17 Oct 2023 05:12 AM
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Lunar Eclipse October 2023: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को लगने जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। इस साल चंद्र ग्रहण के दिन ही यानी 28 अक्टूबर 2023 को शरद पूर्णिमा पड़ेगा। साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। इसलिए सूतक काल भी मान्य होगा, लेकिन हर साल शरद पूर्णिमा के दिन खुले आसमान में खीर रखने की परंपरा है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन आसमान से अमृत की बारिश होती है और इसलिए इस दिन खुले आकाश में खीर रखने का बड़ा महत्व है, लेकिन इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का भी साया रहेगा, जिससे लोगों में काफी असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। चलिए जानते हैं कि इस बार शरद पूर्णिमा और चंद्रग्रहण से जुड़ी सभी जानकारियां-

चंद्रग्रहण कब है? 

साल 2023 का आखिरी चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर दिन शनिवार की मध्य रात्रि को 1 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगा और रात में 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। इस बार भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इसलिए सूतक काल भी मान्य होगा। चंद्रग्रहण लगने के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है। इस दौरान शुभ कार्यों को वर्जित माना गया है।

शरद पूर्णिमा कब है?

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 28 अक्टूबर की सुबह 3 बजकर 52 मिनट से शुरू होगी और 29 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए उदया तिथि के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दिन ही शरद पूर्णिमा भी पड़ेगी।

क्या नहीं होगी अमृत वर्षा?
28 अक्टूबर 2023 को शाम 4 बजे से ही सूतक काल मान्य होगा। इस साल ग्रहण काल कुल 1 घंटे 18 मिनट का होगा। ग्रहण के दौरान चंद्रमा से निकलने वाली किरणें काफी नुकसानदायक मानी जाती है। ऐसे में चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद ही खुले आकाश में खीर को रखा जा सकता है और अगले दिन स्नान के बाद ही खीर ग्रहण करें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
 

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