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Lunar eclipse 2023: 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा के दिन बन रहा है चंद्रग्रहण का महासंयोग, टैपकर जानें सबकुछ

आज 5 मई को साल 2023 का पहला चंद्रग्रहण लगने वाला है। यह चंद्रग्रहण 130 बाद बुद्ध पूर्णिमा के दिन लग रहा है। इस बार लगने वाला चंद्रग्रहण पूर्ण या आंशिक नहीं बल्कि उपच्छाया चंद्रग्रहण है।

Ashutosh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 5 May 2023 11:29 AM
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Lunar eclipse 2023: आज 5 मई को साल 2023 का पहला चंद्रग्रहण लगने वाला है। यह चंद्रग्रहण 130 बाद बुद्ध पूर्णिमा के दिन लग रहा है। इस बार लगने वाला चंद्रग्रहण पूर्ण या आंशिक नहीं बल्कि उपच्छाया चंद्रग्रहण है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रग्रहण का विशेष महत्व है। बता दें कि ग्रहण के दौरान राशियों पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। लोग इसके बारे में बहुत कुछ जानना चाहते हैं। ऐसे में हम आपको आज लगने वाले चंद्रग्रहण के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

क्या इस बार सूतक काल लगेगा?
धार्मिक नजरिए से देखें तो उपच्छाया चंद्रग्रहण को ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। ऐसे में इसबार सूतक काल मान्य नहीं होगा। 

सूतक काल का क्या प्रभाव पड़ता है?
सूतक काल के दौरान शुभ मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सूतक काल में पृथ्वी का वातावरण दूषित हो जाता है, जिसका सीधा प्रभाव मनुष्य के मस्तिष्क, शरीर और मन पर पड़ता है।

इसबार चंद्रग्रहण कितने बजे लगेगा?
इसबार चंद्रग्रहण भारतीय समयानुसार रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरु होकर मध्यरात्रि के 1 बजकर 1 मिनट तक चलेगा।

कहां से दिखाई देगा चंद्रग्रहण?
इसबार चंद्रग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और प्रंशात महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। हालांकि, इस बार का चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।

क्या नग्न आंखों से दिखेगा चंद्रग्रहण ?
हां, सूर्य ग्रहणों के विपरीत चंद्रग्रहण को नग्न आंखों से देखा जा सकता है। लेकिन सूर्य ग्रहण के मामले में ऐसा करने पर यह रेटिना के मैक्यूला को नुकसान पहुंचा सकता है।

कब लगेगा अगला चंद्रग्रहण?
साल 2023 का दूसरा चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर को लगेगा। बता दें कि यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा।

उपच्छाया चंद्रग्रहण क्या है?
जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनों खगोलीय पिंडों का अपूर्ण संरेखण होता है तो उसे उपच्छाया या पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण कहते हैं। ऐसी स्थिति में पृथ्वी, सूर्य के कुछ प्रकाश को सीधे चंद्रमा की सतह तक पहुँचने से रोकती है और चंद्रमा के सभी या कुछ हिस्से को कवर करती है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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