Chandra grahan 2018: चंद्र ग्रहण में गंगा में नहीं लगानी चाहिए डुबकी, जानिए यहां
Chandra grahan 2018: इस सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण 27 जुलाई को लग रहा है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की 'गुरु पूर्णिमा' के दिन रात को चंद्र ग्रहण लगेगा। 11.54 बजे से शुरू होकर प्रात: 3.49 बजे...
Chandra grahan 2018: इस सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण 27 जुलाई को लग रहा है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की 'गुरु पूर्णिमा' के दिन रात को चंद्र ग्रहण लगेगा। 11.54 बजे से शुरू होकर प्रात: 3.49 बजे तक चलेगा। खगोलविदों के अनुसार, करीब चार घंटे तक चलने वाला यह चंद्रग्रहण सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण है।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सूतक काल में सिवाय भजन कीर्तन और मंत्र जप के कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं होता। देवालयों के पट भी इसी वजह से बंद कर दिए जाते हैं। वाराणसी के गंगोत्री सेवा समिति के पं. किशोरी रमण दुबे ‘बाबू महाराज’ के अनुसार माता गंगा साक्षत देव हैं। प्रवाहमान स्वरूप में हैं। अत: सूतक काल में दीपदान आदि प्रक्रिया रोक दी जाती है। उस दौरान गंगा में तैरना भी वर्जित है। चंद्रदेव की कष्ट मुक्ति के लिए गंगा में कमर तक जल में खड़े होकर हरिनाम स्मरण करना चाहिए।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें)
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