Hindi Newsधर्म न्यूज़Lord Shankar is delighted to see Rangoli

रंगोली देखकर प्रसन्न होते हैं भगवान शंकर, पढ़ें इसके पीछे की कहानी

दिवाली पर अनेक घरों में रंगोली बनी देख कर मन प्रसन्न होता है। इसे त्योहार, व्रत, पूजा, उत्सव, विवाह आदि शुभ अवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है। इसमें साधारण चित्र और आकृतियां हो सकती...

पं. भानुप्रतापनारायण मिश्र नई दिल्लीTue, 30 Oct 2018 07:14 AM
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दिवाली पर अनेक घरों में रंगोली बनी देख कर मन प्रसन्न होता है। इसे त्योहार, व्रत, पूजा, उत्सव, विवाह आदि शुभ अवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है। इसमें साधारण चित्र और आकृतियां हो सकती हैं या फिर देवी-देवताओं की आकृतियां। रंगोली में बने स्वस्तिक, कमल का फूल, लक्ष्मी जी के पदचिह्न देख कर मन प्रफुल्लित होता है। ये चिह्न समृद्धि और मंगलकामना का संकेत भी करते हैं। इसीलिए घरों, देवालयों में हर दिन रंगोली बनाई जाती है। घर की महिलाएं बडे़ प्रेम के साथ इस भावना से रंगोली बनाती हैं कि यह भी ईश्वर की पूजा है। रंगोली में रासायनिक रंगों का प्रयोग ठीक नहीं है। 

रंगोली शब्द संस्कृत के एक शब्द ‘रंगावली' से लिया गया है। इसे अल्पना भी कहा जाता है। भारत में इसे सिर्फ त्योहारों पर ही नहीं, बल्कि शुभ अवसरों, पूजा आदि पर भी बनाया जाता है। इससे जहां आने वाले मेहमानों का स्वागत होता है, वहीं भगवान के प्रसन्न होने की कल्पना भी की जाती है। 

रंगोली कब अस्तित्व में आई? इसके बारे में एक प्राचीन कथा सुनने को मिलती है। एक बार शंकर जी हिमालय दर्शन के लिए चल पड़े। जाते समय पार्वती जी से कहा- जब मैं घर वापस लौटूं तो मुझे घर और आंगन मन को प्रसन्न करने वाला मिलना चाहिए। अगर ऐसा ना हुआ तो मैं दुबारा हिमालय लौट जाऊंगा। यह सुन कर माता पार्वती चौंकी। उधर शंकर जी हिमालय की ओर चले गए। पार्वती जी ने घर में साफ-सफाई की और उसे स्वच्छ-सुंदर बनाने के लिए पूरा आंगन गोबर से लीपा भी। घर अभी पूरी तरह से सूखा भी नहीं था कि शंकर भगवान के आने की सूचना उनके पास पहुंची। पार्वती जी फूल हाथ में लिए उनके स्वागत के लिए जल्दी-जल्दी चलने के कारण वहीं फिसल गईं और उनके महावर लगे पैरों की सुंदर आकृति की छाप वहां बन गई। लाल रंग के महावर पर गिरे फूलों ने वहां का दृश्य अद्भुत बना दिया। तभी भगवान शंकर वहां आ पहुंचे और उसे देख कर मंत्रमुग्ध हो उठे। बड़ी प्रसन्नता से उन्होंने कहा कि जिन-जिन घरों में रंगोली से सुंदरता उत्पन्न होगी, वहां-वहां मेरा वास रहेगा और हर प्रकार की समृद्धि वहां हमेशा विराजमान रहेगी।

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