Diwali Laxmi ji ki Aarti:आज मां लक्ष्मी की आरती के समय इन कामों को न करें
Lakshmi Laxmi ji ki Aarti:मां लक्ष्मी की आरती में बिल्कुल भी शोर नहीं किया जाता है। घंटी, ताली आदि मां लक्ष्मी की आरती में नहीं बजाई जाती है। दिवाली पूजा के समय जोर से आवाज में आरती भी नहीं गाई जाती।
Lakshmi Ji Ki Aarti Pdf : आज दिवाली पर कई तरह पांच शुभ संयोग बन रहे हैं। इसलिए यह दिवाली खास है। आज दिवाली पर मां लक्ष्मी और गणेश का आह्वान करना चाहिए। आरती के बाद यह बोलना चाहिए कि सभी देवी-देवता अपने घर को प्रस्थान करें और मां लक्ष्मी और गणेश यहां सदा के लिए विराजमान हों। एक तरफ गणपति की पूजा करके बल और बुद्धि मांगी जाती है, वहीं दूसरी तरफ लक्ष्मी जी की आरती धन,समृद्धि और संपन्नता आती है।
दिवाली लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
दोपहर का मुहूर्त (शुभ)- 02:44 से 03:08 दोपहर तक
शाम का मुहूर्त (शुभ, अमृता, चर) - शाम 05:58 बजे से रात 10:44 बजे तक
रात्रि मुहूर्त (लाभ) - 01:54 पूर्वाह्न से 03:29 पूर्वाह्न तक, 13 नवंबर
आज मां लक्ष्मी की आरती से पहले घी का दीपक जलाना चाहिए। दिवाली की रात मां लक्ष्मी के सामने घी के दीपक को अपने बाएं हाथ की ओर जलाना चाहिए।
मां लक्ष्मी की आरती में बिल्कुल भी शोर नहीं किया जाता है। घंटी, ताली आदि मां लक्ष्मी की आरती में नहीं बजाई जाती है। दिवाली पूजा के समय जोर से आवाज में आरती भी नहीं गाई जाती। कहा जाता है कि अधिक शोर से मां लक्ष्मी रुठ जाती हैं।
मां लक्ष्मी की आरती कर रहे हैं, तो क्लोकवाइज दिशा में आरती करनी चाहिए। मां लक्ष्मी की आरती में शंख रखने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी की आरती से पहले शंख में पानी भरकर रखना चाहिए और आरती होने के बाद उस पानी को सभी पर छिड़कना चाहिए इससे पॉजिटिव एनर्जी आती है।
मां लक्ष्मी की आरती- ( Laxmi Ji Ki Aarti )
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
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