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Hindi Newsधर्म न्यूज़Krishna Janmashtami puja 2023 auspicious time will start from 11:56 pm tonight know method and Parana timing

आज रात 11:56 बजे से शुरू होगा कृष्ण जन्माष्टमी पूजन मुहूर्त, जानें अवधि, विधि, पारणा टाइमिंग व सबकुछ

Kanha Pujan Muhurat Today 2023: भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव आज देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। आज रात मध्यरात्रि 12 बजे कान्हा का जन्म होगा। जानें आज के दिन से जुड़ी सभी जरूरी बातें-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 7 Sep 2023 04:49 PM
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Janmashtami, Kanha Pujan Muhurat Today 2023: आज 07 सितंबर 2023, गुरुवार को देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है। अधिकांश जगहों पर जन्माष्टमी 06 सितंबर को मनाई गई। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल अष्टमी तिथि दो दिन विराजमान होने के कारण जन्माष्टमी दो दिन मनाई जा रही है। जानें कृष्ण जन्माष्टमी पूजन मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत पारण टाइमिंग और व्रत नियम समेत सबकुछ- 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजन मुहूर्त-

07 सितंबर को व्रत श्रीकृष्ण का 5250वां जन्मोत्सव मना रहे हैं। निशिता पूजा का समय रात 11 बजकर 56 मिनट से प्रारंभ होगा और 08 सितंबर को सुबह 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। पूजन की कुल अवधि 46 मिनट की है।

कृष्ण जन्माष्टमी व्रत पारणा टाइमिंग-

इस्कॉन के अनुसार व्रत पारण का समय 08 सितंबर को सुबह 06 बजकर 02 मिनट के बाद होगा। ध्यान रहे कि पारण के दिन अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजन सामग्री-

बाल गोपाल के लिए एक पालना, भगवान कृष्ण की एक मूर्ति, एक छोटी बांसुरी, आभूषण, एक मुकुट, तुलसी के पत्ते, चंदन का पेस्ट, चावल के दाने, मक्खन, केसर, छोटी इलायची, एक पानी से भरा कलश , हल्दी, पान के पत्ते, सुपारी, गंगाजल, एक आसन, लाल कपड़ा, सिंदूर, नारियल, पवित्र धागा, लौंग, सुगंध, एक दीपक, सरसों का तेल या घी, एक कपास की बाती, अगरबत्ती , धूपबत्ती, फल, कपूर, तुलसी पत्ते और एक मोर पंख।

जन्माष्टमी व्रत विधि-

1. स्नान आदि करने के बाद बाल कृष्ण की मूर्ति को सावधानी और श्रद्धा से सजाएं।
2. बाल गोपाल के लिए एक पालना बनाएं या खरीदें और धीरे से उन्हें उसमें झुलाएं।
3. दूध और पवित्र जल से बाल गोपाल का अभिषेक करें।
4. इसके बाद भगवान को नई पोशाक पहनाएं।
5. उन्हें मुकुट पहनाएं और एक बांसुरी भेंट करें।
6. लड्डू गोपाल को चंदन का लेप और सुगंधित फूलों की माला से सजाएं।
7. प्रसाद (भोग) के लिए तुलसी के पत्ते, फल, मखाने, मक्खन और मिश्री चढ़ाएं। इसके अतिरिक्त, मिठाई, सूखे मेवे और एक विशेष मिठाई का भोग लगाएं।
8. अंत में, धूप और दीपक जलाएं और लड्डू गोपाल की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

जन्माष्टमी व्रत नियम-

1. जन्माष्टमी के दिन अपनी सामर्थ्यनुसार भोजन और वस्त्र का दान करें।
2. सात्विक चीजों को अपनाएं।
3. सुनिश्चित करें कि अनजाने में किसी भी जीवित प्राणी, मानव या जानवर को नुकसान न पहुंचे।
4. चाय और कॉफी के सेवन से परहेज करें।
5. मांसाहार से दूर रहें।
6. दूध और दही का सेवन नाकरें।
7. अगर चाहें तो आप फल आधारित आहार का चुनाव कर सकते हैं।

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