Karwa Chauth 2023: करवा चौथ व्रत कब है? जानें यहां डेट, पूजन टाइमिंग, महत्व व चांद निकलने का सही समय
Karwa Chauth 2023 Date and Muhurat: करवा चौथ का व्रत हर सुहागिन महिला के लिए खास होता है। पूरे साल सुहागिनें इस दिन का बेसब्री से इंतजार करती हैं। जानें इस साल 2023 में कब है करवा चौथ-
Karwa Chauth 2023 Kab hai: हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत करती हैं। करवा चौथ व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस दिन कार्तिक मास की संकष्टी चतुर्थी का शुभ संयोग बन रहा है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। करवा चौथ का व्रत कठिन व्रतों में से एक है। इस दिन सुहागिनें सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला व्रत रखती हैं। रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति को छलनी से देखकर व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ 2023 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर, मंगलवार को रात 09 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ होगी और इसका समापन रात 09 बजकर 19 मिनट पर होगा। उदयातिथि मान्य होने के कारण करवा चौथ व्रत 01 नवंबर 2023, बुधवार को रखा जाएगा।
करवा चौथ 2023 के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त-
करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त 01 नवंबर को शाम 05 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 54 मिनट तक है। पूजन की कुल अवधि 01 घंटा 18 मिनट की है। करवा चौथ व्रत समय - 06:33 ए एम से 08:15 पी एम तक है। इसकी अवधि - 13 घंटे 42 मिनट की है। करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय - 08:15 पी एम पर होगा।
शिव योग में रखा जाएगा करवा चौथ व्रत-
इस साल करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि व शिव योग का शुभ संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 1 नवंबर को सुबह 06 बजकर 33 मिनट से प्रारंभ होगा और अगले दिन 2 नवंबर को सुबह 04 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगा। दोपहर 02:07 बजे से शिवयोग प्रारंभ हो जाएगा।
करवा चौथ पूजा-विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
स्नान करने के बाद मंदिर की साफ- सफाई कर ज्योत जलाएं।
देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना करें।
निर्जला व्रत का संकल्प लें।
इस पावन दिन शिव परिवार की पूजा- अर्चना की जाती है।
सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
माता पार्वती, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है।
चंद्र दर्शन के बाद पति को छलनी से देखें।
इसके बाद पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तोड़ा जाता है।
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