Kartik Purnima : कार्तिक पूर्णिमा की तिथि को लेकर है कन्फ्यूजन? अभी से नोट कर लें डेट, पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान का भी विशेष महत्व है। हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के लिए जाते हैं।
Kartik Purnima : कार्तिक महीना भगवान विष्णु को काफी प्रिय माना जाता है। ऐसे में जो लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान व दान करते हैं, उसे पूरे महीने की गई पूजा के बराबर पुण्य मिलता है। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। इसके बाद देवताओं से प्रसन्न होकर काशी में सैकड़ों दीए जलाए थे। तभी से इसे देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनना बेहद शुभ माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान का भी विशेष महत्व है। हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के लिए जाते हैं।
इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनना बेहद शुभ माना जाता है। पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान का भी विशेष महत्व है। हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के लिए जाते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा डेट- इस बार कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को है।
मुहूर्त-
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पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - नवम्बर 26, 2023 को 03:53 पी एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - नवम्बर 27, 2023 को 02:45 पी एम बजे
पूजा -विधि-
- इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें।
- नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
- सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
- पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है।
- इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें।
- भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
- इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
- चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।
- चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।
- इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें।
- अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
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