Jyeshtha Purnima Vrat 2023: इस दिन रखा जाएगा ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, जानें शुभ योग और विशेष महत्व
पूर्णिमा के दिन स्नान-दान करना शुभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस विशेष दिन पर माता लक्ष्मी की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति और दुखों का नाश होता है।
Jyeshtha Purnima Vrat 2023: हिंदू परंपरा में पूर्णिमा तिथि को बहुत ही विशेष महत्व दिया जाता है। पंचांग के अनुसार पूर्णिमा महीने का अंतिम दिन होता है और इस दिन स्नान-दान करना शुभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस विशेष दिन पर माता लक्ष्मी की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति और दुखों का नाश होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्रमा अपनी सभी 16 कलाओं से पूर्ण होता है। आइए जानते हैं इस बार कब रखा जाएगा ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत और इसका महत्व।
3 जून के दिन रखा जाएगा ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 03 जून को सुबह 11 बजकर 16 मिनट तक होगा। जबकि 4 जून को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर यह समाप्त हो जाएगा। बता दें कि ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन रात्रि के समय चंद्र देव की उपासना की जाती है। इसलिए ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 3 जून के दिन रखा जाएगा। जबकि पवित्र स्नान 04 जून 2023 के दिन किया जाएगा।
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का महत्व
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा का सुनने या पाठन करने से लाभ मिलता है। साथ ही इस विशेष दिन पर माता लक्ष्मी की उपासना करने से धन एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन चंद्र देव की उपासना करने से जीवन में सकारात्मकता आती है। साथ ही कुंडली में चंद्र दोष से मुक्ति मिल जाती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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