Notification Icon
Hindi Newsधर्म न्यूज़janmashtami vrat 2023 date time shubh muhrat vrat parana time

Janmashtami : आज रात्रि इस समय शुरू कर लें भगवान श्री कृष्ण की पूजा, पूजन के लिए केवल 46 मिनट का समय

janmashtami vrat 2023 date time shubh muhrat : भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 7 Sep 2023 04:50 PM
share Share

भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को मनाने के लिए मंदिर समेत अन्य जगहों पर तैयारी की जा रही है। श्रद्धालु गुरुवार को दिन भर उपवास रखेंगे तथा रात 12 बजे जन्मोत्सव मना कर अपना उपवास तोड़ेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का बहुत अधिक महत्व होता है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। इस दिन श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा- अर्चना की जाती है। इस दिन व्रत भी रखा जाता है।

शुभ मुहूर्त- 

कृष्ण जन्माष्टमी बृहस्पतिवार, सितम्बर 7, 2023 को
निशिता पूजा का समय - 11:56 पी एम से 12:42 ए एम, सितम्बर 08
अवधि - 00 घण्टे 46 मिनट्स
पारण समय - 06:02 ए एम, सितम्बर 08 के बाद
पारण के दिन अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र सूर्योदय से पहले समाप्त हो गये।
मध्यरात्रि का क्षण - 12:19 ए एम, सितम्बर 08
चन्द्रोदय समय - 11:43 पी एम
अष्टमी तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 06, 2023 को 03:37 पी एम बजे
अष्टमी तिथि समाप्त - सितम्बर 07, 2023 को 04:14 पी एम बजे
रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ - सितम्बर 06, 2023 को 09:20 ए एम बजे
रोहिणी नक्षत्र समाप्त - सितम्बर 07, 2023 को 10:25 ए एम बजे

पूजा- विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
  • घर के मंदिर में साफ- सफाई करें।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें।
  • इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।
  • लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें।
  • इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाएं।
  • लड्डू गोपाल को झूला झूलाएं।
  • अपनी इच्छानुसार लड्डू गोपाल को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
  • लड्डू गोपाल की सेवा पुत्र की तरह करें।
  • इस दिन रात्रि पूजा का महत्व होता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात में हुआ था।
  • रात्रि में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा- अर्चना करें।
  • लड्डू गोपाल को मिश्री, मेवा का भोग भी लगाएं।
  • लड्डू गोपाल की आरती करें।
  • इस दिन अधिक से अधिक लड्डू गोपाल का ध्यान रखें।
  • इस दिन लड्डू गोपाल की अधिक से अधिक सेवा करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें