New Year : कैसा होगा 2023? किसका चमकेगा भाग्य, किसे रहना होगा सावधान, ज्योतिषाचार्य से जानें सबकुछ, पढ़ें पूरे साल का राशिफल
Horoscope 2023 : हर साल की तरह यह साल भी बीत गया। कुछ खट्टी, कुछ मीठी यादों के साथ। उम्मीदों भरा नया वर्ष हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। नया साल हम सबके लिए कै सा होगा, इसकी उत्सुकता सभी को है।
हर साल की तरह यह साल भी बीत गया। कुछ खट्टी, कुछ मीठी यादों के साथ। उम्मीदों भरा नया वर्ष हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। नया साल हम सबके लिए कै सा होगा, इसकी उत्सुकता सभी को है। हमारी ओर से आपको शुभकामनाएं कि यह नया वर्ष आप सभी के लिए मंगलकारी हो। इसी कामना के साथ यहां प्रसिद्ध ज्योतिषी और अंक शास्त्री बता रहे हैं, बारह राशियों के पूरे साल का भविष्यफल। साथ में कुछ आसान ज्योतिषीय उपाय, जीवन की सुख-समृद्धि के लिए। इसके साथ ही देश-दुनिया, सिनेमा और स्वास्थ्य के हाल पर कुछ महत्त्वपूर्ण भविष्यवाणी। मेष से मीन राशि तक का भविष्यफल यहां पढ़ें...
मेष राशि- वर्ष के प्रारंभ में मन प्रसन्न रहेगा। 17 जनवरी से कारोबार में वृद्धि होगी। आयात-निर्यात के कारोबार की शुरूआत भी हो सकती है। इससे लाभ में वृद्धि होगी। 13 मार्च के बाद से कार्यक्षेत्र में परिश्रम बढ़ सकता है। 22 अप्रैल से शैक्षिक कार्यों में सुधार होगा। दाम्पत्य सुख में वृद्धि हो सकती है। नौकरी में तरक्की के अवसर भी मिलेंगे। संतान सुख में वृद्धि हो सकती है। 31 मई के बाद वाहन की प्राप्ति हो सकती है। नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग बन रहे हैं। रहन-सहन अव्यवस्थित रहेगा। नौकरी में अफसरों से सद्भाव बनाकर रखें। 31 अक्तूबर से खर्चों की अधिकता हो सकती है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। कारोबार के लिए किसी मित्र से प्रस्ताव मिल सकता है। कारोबार के लिए पिता से आर्थिक सहयोग मिल सकता है और इसके लिए विदेश यात्रा लाभप्रद रहेगी। संतान के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
उपाय-
●प्रतिदिन प्रात ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ करके तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें थोड़े से चावल, चीनी या गुड़ तथा रोली व पुष्प डालकर सूर्य की तरफ मुंह करके जल की धार बनाकर जल अर्पित करें।
●अपने तकिये के कवर के अंदर एक मोर का पंख तथा अपने शयन कक्ष में दीवार पर मोर का पंख सेलो टेप से चिपका कर रखें।
●सवा छह रत्ती का पुखराज सोने की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करें।t
वृष राशि- वर्ष के प्रारंभ में मन परेशान हो सकता है, लेकिन आत्मविश्वास भरपूर रहेगा।15 जनवरी के बाद माता के स्वास्थ्य में सुधार होगा। नौकरी में कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। 17 जनवरी के बाद से कार्यक्षेत्र में अनुकूल परिस्थितियां रहेंगी। 23 जनवरी के बाद वाहन की प्राप्ति हो सकती है। किसी मित्र के सहयोग से कारोबार के अवसर मिल सकते हैं। 13 मार्च के बाद नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। बातचीत में संतुलित रहें। मानसिक शांति के लिए प्रयास करें। 22 मार्च से आय में कमी व खर्च अधिक की स्थिति बन सकती है। घर-परिवार की सुख-सुविधाओं के विस्तार पर खर्च बढ़ सकते हैं। शैक्षिक कार्यों पर ध्यान दें। कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। घर-परिवार में धार्मिक या मांगलिक कार्यों पर खर्च हो सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 31 अक्तूबर से आय में सुधार होगा।
उपाय-
●प्रत्येक मंगलवार के दिन रोटी में गुड़ रखकर गाय को खिलाएं।
●बृहस्पतिवार के दिन यथाशक्ति चने की दाल का दान करें। पांच केले के पेड़ किसी मंदिर में अथवा पार्क में लगवाएं। बृहस्पतिवार के दिन केला, बेसन से बने खाद्य पदार्थ न खाएं।
●प्रतिदिन ‘सिद्ध कुंज्जिका स्तोत्र’ या ‘तंत्रोक्त देवी सूक्त’ का पाठ किया करें।
●प्रतिदिन तांबे के लोटे में जल भरकर, उसमें चावल, चीनी या गुड़, रोली व पुष्प डाल कर सूर्य की तरफ मुंह करके जल की धार बनाकर जल अर्पित करें।
मिथुन राशि- वर्ष के प्रारंभ में मन प्रसन्न रहेगा, लेकिन नकारात्मक विचारों का प्रभाव हो सकता है। 20 जनवरी के बाद मन में शांति और सकारात्मकता का अनुभव करेंगे। 17 जनवरी के बाद नौकरी में कठिनाइयों का दौर समाप्त होगा। तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। कार्य क्षेत्र में बदलाव की संभावना भी बन रही है। यात्राओं में कमी आएगी। शत्रुओं पर विजय मिलेगी। 13 मार्च के बाद से स्वास्थ्य में सुधार होगा। किसी पुराने मित्र से भेंट हो सकती है। मित्र के सहयोग से आय के साधन बन सकते हैं। कार्यक्षेत्र में परिश्रम अधिक रहेगा। परिवार में क्रोध व व्यर्थ के वाद-विवाद से बचें। 22 अप्रैल से शैक्षिक कार्यों में सुधार होगा। सफलता मिलेगी। संतान सुख में वृद्धि हो सकती है। वाहन सुख की प्राप्ति होगी। 31 अक्तूबर से पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। रहन-सहन अव्यवस्थित हो सकता है। किसी राजनेता से भेंट हो सकती है। संपत्ति में वृद्धि के योग बन रहे हैं।
उपाय-
सवा छह रत्ती का पन्ना चांदी की अंगूठी में जड़वा कर दाहिने हाथ की कनिष्ठा उंगली में धारण करें।
●प्रतिदिन ‘दुर्गा चालीसा’ का पाठ किया करें।
●रोटी में गुड़ रखकर गाय को खिलाया करें।
●शनिवार के दिन शाम के समय हनुमान जी को चोला चढ़ाएं। ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करके हनुमान जी को देसी घी से बने बेसन या बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया करें।
कर्क राशि- वर्ष के प्रारंभ में16 जनवरी तक मन परेशान रहेगा। धैर्यशीलता में कमी रहेगी। 17 जनवरी के बाद शैक्षिक कार्यों के लिए विदेश जा सकते हैं। 22 अप्रैल के बाद किसी मित्र के सहयोग से नौकरी के अवसर मिल सकते हैं, परंतु दूसरे स्थान पर भी जा सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। शासन-सत्ता का सहयोग मिलेगा। वस्त्रों पर तथा वाहन के रख-रखाव पर खर्च बढ़ सकते हैं। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कारोबार के विस्तार के लिए निवेश कर सकते हैं। कारोबार में भागदौड़ रहेगी। व्यर्थ के क्रोध व वाद-विवाद से बचें। 19 अगस्त से कारोबार में वृद्धि होगी। शासन-सत्ता का सहयोग मिलेगा। लाभ में वृद्धि होगी। 31 अक्तूबर के बाद नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। संपत्ति में वृद्धि हो सकती है। धार्मिक कार्यों में रुचि कम हो सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
उपाय-
●प्रत्येक शनिवार को सूर्यास्त के बाद सरसों के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं।
● प्रत्येक बुधवार के दिन गाय को हरा चारा या हरी सब्जी खिलाएं।
● प्रतिदिन ‘दुर्गा चालीसा’ या ‘सिद्ध कुंज्जिका स्तोत्र’ तथा ‘तंत्रोक्त देवी सूक्त’ का पाठ करें।
●सवा आठ रत्ती का मोती चांदी की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की कनिष्ठा उंगली में धारण करें।
सिंह राशि- वर्ष के प्रारंभ में आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, परंतु आत्मसंयत रहे। 15 जनवरी से 14 फरवरी के बीच में स्वास्थ्य का ध्यान रखें। खर्चों में वृद्धि होगी। 15 फरवरी से कार्यक्षेत्र में परिश्रम बढ़ सकता है। 17 फरवरी से जीवन साथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। नौकरी में कोई आतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। नौकरी में स्थान परिवर्तन की भी संभावना है। 13 मार्च के बाद किसी संपत्ति से आय के साधन बन सकते हैं। लेखनादि-बौद्धिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। 16 मई के बाद मान-सम्मान में वृद्धि होगी। रहन-सहन अव्यवस्थित रहेगा। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 31 अक्तूबर के बाद राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा की पूर्ति होगी। किसी राजनेता से भेंट हो सकती है। भवन सुख में वृद्धि या संपत्ति का विस्तार हो सकता है। संतान की ओर से सुखद समाचार मिल सकता है।
उपाय-
●सवा आठ रत्ती का मूंगा चांदी की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की अनामिका में धारण करें।
●प्रतिदिन प्रात ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ करके तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें थोड़े से चावल, चीनी या गुड़, रोली तथा पुष्प डालकर सूर्य की तरफ मुंह करके जल की धार बनाकर अर्पित करें।
●प्रत्येक सोमवार को एक मुट्ठी चावल एक थैली में या डिब्बे में डालकर इकट्ठा करते रहें। ज्यादा इकट्ठा होने पर किसी मंदिर के पुजारी को भेंट कर दें।
कन्या राशि- वर्ष के प्रारंभ में आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, परंतु मन में नकारात्मक विचारों के प्रभाव से बचें। 14 जनवरी तक रहन-सहन अव्यवस्थित रहेगा। 15 जनवरी के बाद संयत रहें। क्रोध से बचें। 17 जनवरी से सुस्वादु खान-पान में रुचि बढ़ सकती है। शैक्षिक कार्यों के लिए विदेश जाने के अवसर मिल सकते हैं। 20 जनवरी से कारोबार में सकारात्मक प्रभाव में वृद्धि होगी। किसी मित्र के सहयोग से कारोबार के लिए विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। यात्रा लाभप्रद होगी। 22 अप्रैल के बाद शैक्षिक कार्यों में कठिनाई आ सकती है। पारिवारिक जीवन कष्टमय रहेगा। नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं, परंतु किसी दूसरे स्थान पर जाना पड़ सकता है। परिवार से दूर भी रहना पड़ सकता है। वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है। खर्चों में वृद्धि होगी। 31 अक्तूबर के बाद नौकरी में कार्यक्षेत्र में बदलाव हो सकता है।
उपाय-
●सवा छह रत्ती का पन्ना चांदी की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की कनिष्ठा उंगली में धारण करें।
● 21 ग्राम चांदी का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करें।
● एक हल्दी की गांठ हमेशा अपने पर्स में रखें।
● बृहस्पतिवार के दिन एक लोटे में जल भरकर उसमें थोडी-सी हल्दी, पांच दाने चने की दाल, चीनी या गुड़ तथा पुष्प डालकर केले के पेड़ पर अर्पित करें।
तुला राशि- वर्ष के प्रारंभ में मन प्रसन्न रहेगा। आत्मविश्वास भी भरपूर रहेगा, परंतु 13 जनवरी तक आत्मसंयत रहें। 14 जनवरी के बाद अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 17 जनवरी से शैक्षिक कार्यों में सुधार होगा। जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नौकरी में कार्यक्षेत्र में कठिनाई आ सकती है। 13 मार्च से जीवन साथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। कारोबार में भागदौड़ बढ़ेगी। शैक्षिक या शोधादि कार्यों के लिए विदेश जा सकते हैं। 22 अप्रैल के बाद से शैक्षिक या बौद्धिक कार्यों के प्रति रुझान बढ़ सकता है। आय में वृद्धि होगी। कारोबार की स्थिति में सुधार होगा। दाम्पत्य सुख में वृद्धि होगी। 31 अक्तूबर के बाद किसी पुराने मित्र से भेंट हो सकती है। न्यायालय में चल रहे विवाद के सुखद परिणाम मिलेंगे। किसी मित्र के सहयोग से रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। धर्म के प्रति श्रद्धा भाव बढ़ेगा।
उपाय-
●मंगलवार के दिन ‘सुंदरकांड’ का पाठ करें। महीने में एक बार शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन हनुमान जी को सिंदूर लगा कर चोला पहनाएं।
●सवा नौ रत्ती का ओपल चांदी की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करें।
●प्रतिदिन कारोबार की शुरुआत ‘श्री गणेशाय नम’ हरे रंग की स्याही वाले पेन से लिखकर किया करें।
वृश्चिक राशि-
वर्ष के प्रारंभ में आत्मविश्वास तो भरपूर रहेगा, परंतु मन में नकारात्मकता का प्रभाव भी हो सकता है। इससे सचेत रहें। 14 जनवरी के बाद सकारात्मकता का प्रभाव बढ़ेगा। किसी मित्र के सहयोग से रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। नौकरी में अफसरों से व्यर्थ के वाद-विवाद से बचें। 17 जनवरी के बाद न्यायालय में चल रहे विवाद के सुखद परिणाम मिल सकते हैं। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पिता का साथ मिलेगा। 13 मार्च के बाद मन परेशान हो सकता है। 22 अप्रैल के बाद शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं। घर-परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं। भवन की साज-सज्जा के कार्यों पर खर्च बढ़ेंगे। कारोबार से धन लाभ में वृद्धि होगी। 16 जून से पिता के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। माता का साथ मिलेगा। 31 अक्तूबर से संतान के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दिसंबर माह में नौकरी में परिवर्तन की संभावना है।
उपाय-
●सवा आठ रत्ती का मूंगा चांदी की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में धारण करें।
●दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में सोने का छल्ला धारण करें।
●प्रतिदिन प्रात कम-से-कम तीन माला ‘नम शिवाय’ रुद्र्र पंचाक्षर मंत्र का जप किया करें।
●प्रतिदिन रात्रि में ‘सिद्ध कुंज्जिका स्तोत्र’ तथा ‘तंत्रोक्त देवी सूक्त’ का पाठ किया करें।
धनु राशि- वर्ष की शुरुआत में आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, परंतु धैर्यशीलता में कमी रहेगी। नौकरी में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 17 जनवरी के बाद नौकरी में किसी विशेष कार्य के लिए विदेश जा सकते हैं। बातचीत में संतुलित रहें। 20 जनवरी से कारोबार में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। 16 फरवरी के बाद वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है। पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नौकरी में अफसरों से व्यर्थ के वाद- विवाद से बचें। 22 अप्रैल से पठन- पाठन में रुचि बढ़ेगी। बौद्धिक कार्यों से आय के साधन बढ़ेंगे। धर्म के प्रति श्रद्धा भाव बढ़ेगा। शैक्षिक कार्यों के लिए विदेश जाने के अवसर मिल सकते हैं। 31 अक्तूबर से माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग भी बन रहे हैं। परिवार से दूर रहना पड़ सकता है। किसी मित्र के सहयोग से कारोबार में निवेश हो सकता है। वाहन के रख- रखाव तथा वस्त्रों आदि पर खर्च बढ़ सकता है।
उपाय-
सवा छह रत्ती का पुखराज सोने की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करें।
●21 ग्राम चांदी का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करें। साथ में प्रत्येक शुक्रवार के दिन प्रात एक मुट्ठी चावल किसी थैले में या किसी डिब्बे में डालकर इकट्ठा कर लें। मात्रा बढ़ जाने पर मंदिर के पुजारी को दान कर दें।
●प्रत्येक मंगलवार के दिन शाम को ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करके हनुमान जी को बेसन या बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद बांट दें।
मकर राशि-
वर्ष की शुरुआत में आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे। पिता का सान्निध्य मिलेगा। संतान सुख में वृद्धि हो सकती है। कारोबार में परिवर्तन की संभावना बन रही है। 12 जनवरी तक बातचीत में संतुलन बनाए रखें। 13 जनवरी के बाद स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। किसी संपत्ति से आय में वृद्धि हो सकती है। 17 जनवरी के बाद कारोबार के लिए विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। यात्रा लाभप्रद रहेगी। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कार्यक्षेत्र में परिश्रम अधिक रहेगा। नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग भी बन रहे हैं। 22 अप्रैल के बाद घर-परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं। परिवार की सुख-सुविधाओं का विस्तार होगा। 16 मई के बाद कारोबार में वृद्धि होगी। किसी मित्र का सहयोग भी मिल सकता है। लाभ के अवसर भी मिलते रहेंगे। विदेशी कारोबार से लाभ में वृद्धि होगी, परंतु खर्चों में भी वृद्धि होगी।
उपाय-
●सवा आठ रत्ती का लाजवर्त चांदी की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करें।
●प्रत्येक मंगलवार के दिन शाम को ‘सुंदरकांड’ का पाठ किया करें। पाठ करने के बाद हनुमान जी का भोग लगाकर प्रसाद का वितरण करें।
●एक हल्दी की गांठ हमेशा अपने पर्स में अवश्य रखें। धन की प्रचुरता रहेगी।
●21 ग्राम चांदी का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करें।
कुंभ राशि-
वर्ष की शुरुआत में मन अशांत रहेगा। आत्मसंयत रहें। 16 जनवरी तक आत्मविश्वास में कमी रहेगी।17 जनवरी के बाद मन प्रसन्न रहेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 14 फरवरी के बाद जीवन साथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। माता के परिवार की किसी बुजुर्ग महिला से धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं। धार्मिक संगीत के प्रति रुझान बढ़ सकता है। 13 मार्च के बाद नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। 07 अप्रैल के बाद वाहन सुख में वृद्धि होगी। 22 अप्रैल के बाद नौकरी में कार्यक्षेत्र में बदलाव की संभावना बन रही है। विशेष जिम्मेदारी मिल सकती है। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। लेखनादि बौद्धिक कार्यों से आय के साधन बन सकते हैं। 31 अक्तूबर के बाद किसी रुके धन की प्राप्ति हो सकती है। कारोबार पर ध्यान दें। कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय-
●सोने की अंगूठी या छल्ला दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करें।
●सवा छह रत्ती का सफेद जरकन चांदी की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करें।
●प्रतिदिन प्रात ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ करें तथा तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें थोड़े से चावल, चीनी या गुड़, रोली तथा पुष्प डालकर सूर्य की तरफ मुंह करके जल की धार बनाकर जल अर्पित करें।
मीन राशि-
वर्ष के प्रारंभ में मन प्रसन्न रहेगा। आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। वाणी में सौम्यता रहेगी। शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। परिवार में सुख-शांति रहेगी। 13 जनवरी के बाद स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 20 जनवरी के बाद कारोबार में सुधार होगा, परंतु यात्राएं अधिक हो सकती हैं। अनियोजित खर्चे बढ़ेंगे। 22 अप्रैल के बाद आय में वृद्धि होगी। किसी रुके धन की प्राप्ति हो सकती है। न्यायालय में चल रहे विवाद का निपटारा हो सकता है। कुटुंब-परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं। किसी बुजुर्ग से धन मिल सकता है। 16 मई के बाद कारोबार का विस्तार हो सकता है। माता से आर्थिक सहयोग मिल सकता है। 16 जून से 17 जुलाई के बीच स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। 31 अक्तूबर के बाद मन कुछ परेशान हो सकता है। 17 नवंबर के बाद नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। परिवार का साथ मिलेगा।
उपाय-
●प्रतिदिन ‘दुर्गा चालीसा’ या ‘सिद्ध कुंज्जिका स्तोत्र’ का पाठ किया करें। शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद कुत्ते को मीठा परांठा खिलाएं।
●प्रतिदिन प्रात ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ करके तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें थोडे़ से चावल, रोली, चीनी या गुड़ तथा फूल डाल कर सूर्य की तरफ मुंह करके जल अर्पित करें।
●सवा छह रत्ती का पुखराज सोने की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करें।
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