Holika Dahan Puja muhurat: केदार, हंस, मालव्य योग में होलिका दहन आज, दोपहर 3 बजे से पहले कर होलिका पूजन
लखनऊ में पांच बड़े शुभ योग में होलिका दहन होगा। कुछ समितियों ने सोमवार देर रात के एक शुभ योग में होलिका दहन कर दिया। ज्योतिषाचार्यों ने अलग-अलग मत पर होलिका दहन के दो दिन के मूहुर्त निकाले। ज्यादातर ज
लखनऊ में पांच बड़े शुभ योग में होलिका दहन होगा। कुछ समितियों ने सोमवार देर रात के एक शुभ योग में होलिका दहन कर दिया। ज्योतिषाचार्यों ने अलग-अलग मत पर होलिका दहन के दो दिन के मूहुर्त निकाले। ज्यादातर ज्योतिषाचार्यों ने यह स्पष्ट किया कि होली आठ मार्च को ही खेली जाएगी।
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल और पं. आनंद दुबे ने बताया कि होलिका दहन सात मार्च को गुरु अपनी राशि मीन और शनि स्वराशि कुंभ में विराजमान है। वहीं शुक्र उच्च राशि मीन में स्थिति में है। वहीं इस दिन केदार, हंस, मालव्य योग बन रहे हैं। ऐसे दुर्लभ योग में होलिका दहन उत्तम फलदायी साबित होगी। यह योग पूजा-पाठ के लिए विशेष सिद्ध कारक माने गए हैं। मान्यता है कि इस योग में होलिका दहन से बीमारियों का नाश होता है।
होली पूजन : सात मार्च प्रात: काल से दोपहर तीन बजे तक
होलिका दहन : सात मार्च की शाम 6:10 बजे से रात 8:37 बजे तक
दुल्हैंडी : आठ मार्च बुधवार
पूर्णिमा में नहीं खेला जाता है रंग
उत्थान ज्योतिष संस्थान के ज्योतिर्विद पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि पूर्णिमा तिथि छह मार्च की शाम 3:57 बजे से शुरू हो गई। यह मंगलवार यानी सात मार्च की शाम 5:40 बजे तक रहेगी। पूर्णिमा में रंग नहीं खेला जाता है। होलिका दहन पूर्णिमा तिथि की रात में भद्रा के बाद किया जाता है। यदि भद्रा मध्य रात्रि तक व्याप्त हो तो ऐसी परिस्थिति में भद्रा काल में उसका अंतिम सिरा खोजकर आधी रात के बाद होलिका दहन होगा। सात मार्च को स्नान दान की पूर्णिमा है। आठ मार्च को रंगवाली होली है।
होलिका दहन में हरा पेड़ न जलाएं
महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पांडेय ने बताया कि होलिका दहन में हरा पेड़ न जलाएं। धर्म शास्त्रों में भी हरा वृक्ष जलाना गलत बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हरे वृक्ष पर बुध ग्रह का स्वामित्व होता है। अतः हरा वृक्ष जलाने से व्यक्ति को रोग और शोक दोनों तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि होलिका दहन में गोबर के उपले और गेहूं की बाली और काले तिल अर्पित करें। स्वास्थ्य लाभ के लिए होलिका दहन में काले तिल, हरी इलायची और कपूर को सिर से उतार कर होली के अग्नि में डालने से जल्द स्वास्थ्य लाभ होगा। धन लाभ के लिए चंदन की लकड़ी होलिका में डालें व प्रार्थना करें। नौकरी, व्यापार के लिए एक मुठ्ठी पीली सरसों अग्नि में डालें और तीन बार परिक्रमा करें।
होलिका दहन की पूजन विधि
पं. राकेश पांडेय व एसएस नागपाल ने बताया कि होलिका दहन के पहले विधि पूर्वक डंडी देवी का पूजन किया जाता है। गुलाल, अबीर, फूल, नारियल, मिष्ठान, कच्चा सूत से होलिका का पूजन किया जाता है। होलिका पूजन के बाद दहन होता है। नए अनाज की बलियां और उपले होली में चढ़ाना शुभ माना जाता है। होलिका दहन के बाद उसमें भुना गन्ना खाया जाता है। होलिका दहन के समय गेहूं और जौ की बालियां सेकी जाती हैं। उनके ‘होले प्रसाद के रूप में खाए जाते हैं। दहन की लकड़ी के टुकड़े को कुछ लोग घर पर भी ले जाते है। होलिका दहन के बाद उसकी राख का तिलक करना और शरीर पर लगाना भी शुभ माना जाता है।
किस राशि के लिए कौन सा रंग शुभ
मेष : लाल और गुलाबी रंग।
वृष : पीला व हरा रंग।
मिथुन : हरा और पीला रंग।
कर्क : लाल और पीला रंग।
सिंह : लाल और गेरुआ रंग।
कन्या : हरा रंग का अबीर।
तुला : लाल, नीला और हरा रंग।
वृश्चिक :लाल और पीला रंग।
धनु : लाल और पीला रंग।
मकर: नीला और हरा रंग।
कुंभ: लाल रंग।
मीन : पीला और गेरुआ रंग।
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