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Holika Dahan muhurat: होली पर इन उपायों से मिलेंगी स्थिर लक्ष्मी, बन रहा शश पंच महापुरुष योग

होली का यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि होलिका दहन के साथ साथ सभी प्रकार की बुराइयां खत्म हो जाती है । अपने प्रिय भक्त प्रहलाद के रक्षार्थ भगवान नारायण को नरसिंह अवतार क

Anuradha Pandey पं दिवाकर त्रिपाठी, नई दिल्लीTue, 7 March 2023 05:19 AM
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Holika Dahan muhurat: होली का यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि होलिका दहन के साथ साथ सभी प्रकार की बुराइयां खत्म हो जाती है । अपने प्रिय भक्त प्रहलाद के रक्षार्थ भगवान नारायण को नरसिंह अवतार के रूप में आना पड़ा तथा सभी प्रकार की बुराइयों को समाप्त करके अपना आशीर्वाद जगत पर प्रदान किया इसलिए इस दिन होलिका दहन बड़े ही धूमधाम एवं पूर्ण विधि-विधान के साथ किए जाने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। इस वर्ष होली पर ग्रहों की बड़ी सुंदर ही स्थिति बन रही है । व्यक्ति के कर्म के फल प्रदायक शनि अपनी राशि कुंभ में शश नामक पंच महापुरुष योग का निर्माण करके विद्यमान हैं। धन वैभव सुख संपन्नता ऐश्वर्य भोग विलास के कारक ग्रह शुक्र अपनी उच्च राशि में  मालव्य नामक पंच महापुरुष योग का निर्माण करके विद्यमान है।  साथ ही साथ देव गुरु बृहस्पति मीन राशि में विद्यमान हैं ।परिणाम स्वरूप तीन प्रकार के पंच महापुरुष योग का निर्माण हो रहा है जो श्रेष्ठ फल प्रदायक है ऐसे में धन वैभव ऐश्वर्य पुण्य शुभता धार्मिक कृत्यों का पूर्ण लाभ प्राप्त होगा तथा जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी ग्रहों का सुंदर संयोग बना हुआ है।
शास्त्रों की माने तो होलिका दहन के समय होलिका का पूजन करना चाहिए। होलिका पूजन में गुलरियों का इस्तेमाल किया जाता है। पूजन करने के बाद नारियल, पान , सुपारी जलती हुई होलिका में भेंट करना चाहिए। इसके बाद 11 या 21 परिक्रमा अवश्य करना चाहिए । परिक्रमा करते समय अपने मन में अपनी मनोकामनाएं जरूर दोहराते रहना चाहिए तथा भगवान नारायण एवं माता लक्ष्मी का भी स्मरण करते रहना चाहिए। परिक्रमा के दौरान माता लक्ष्मी के किसी भी मंत्र का 108 बार जब भी करना चाहिए ।  होलिका दहन के अगले दिन सुबह होलिका की भस्म ले करके एक लाल वस्त्र में श्री यंत्र, चांदी के सिक्के को लाल कपड़े में बांधकर अपने घर की तिजोरी में रखने से आर्थिक स्थिरता में वृद्धि होती है। धन लाभ में वृद्धि होती है। व्यापार में वृद्धि होती है । साथ ही साथ रुका हुआ धन भी प्राप्त होता है।

होलिका की विभूति अर्थात भस्म को पुरुष मस्तक पर लगाने तथा महिलाएं गले में लगाएं ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का संबंध होता है तथा जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होता है वृद्धि होता है। इस दिन बुरी नजर से बचने के लिए 9 नींबू लेकर क्रमशः घड़ी की उल्टी दिशा में सिर से घुमाकर जलती हुई होलिका में डालने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है तथा जीवन में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है।

होलिका दहन के पूर्व एक लोहे का कील ले जाकर होलिका दहन वाली जगह पर जमीन में दबा देना चाहिए तथा अगले दिन उसको वापस लाकर, घर के मुख्य द्वार पर मिट्टी में दबा देना चाहिए । इससे नकारात्मक ऊर्जा से वर्षभर बचाव होता है। होलाष्टक में उबटन लगाने की बड़ी महत्वपूर्ण तथा शुभ फल प्रदायक परंपरा भी है । होलाष्टक के दौरान उबटन लगाने के बाद जो अवशेष प्राप्त होता है । उसे होलिका दहन के समय होलिका में अर्पित करने से व्यक्ति को निरोगी काया प्राप्त होती है।
 

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