Hindi Newsधर्म न्यूज़Holika Dahan 2023 Vidhi: Do Holika Dahan 7 march 2023 with this simple method know timing and mantra

Holika Dahan 2023 Vidhi: आज इस सरल विधि से करें होलिका दहन, जानें टाइमिंग, मंत्र व सबकुछ

Holika Dahan 2023 Vidhi: होलिका दहन में होलिका की पूजा की जाती है। पूजा करते समय पूजा करने वाले व्यक्ति को होलिका के पास जाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दु्स्तान टीम, नई दिल्लीTue, 7 March 2023 05:25 AM
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Holika Dahan Subh Muhurat and Vidhi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन का त्योहार मनाया जाता है। लेकिन इस साल होलिका दहन की तिथि को लेकर भम्र की स्थिति है। क्योंकि इस साल दो दिन पूर्णिमा तिथि पड़ रही है। ऐसे में कुछ जगहों पर 6 मार्च तो कुछ जगहों पर 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। जानें होलिका दहन कब करना रहेगा उत्तम व विधि-

होलिका दहन 2023 शुभ मुहर्त- 

फाल्गुन मास की पूर्णिमा 06 मार्च, सोमवार को शाम 04 बजकर 17 मिनट से आरंभ। फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 07 मार्च को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर समाप्त। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 07 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

होलिका दहन का उत्तम समय-

 शास्त्रों में होली की पूजा पूर्णिमा तिथि के दिन सूर्यास्त के समय करने का विधान वर्णित है। पंचांग के अनुसार, इस साल 06 मार्च की शाम पूर्णिमा तिथि के साथ गोधूलि बेला भी है। इसलिए 7 तारीख को शाम 06 बजकर 24 मिनट से शाम 06 बजकर 48 मिनट के बीच होलिका दहन करना शुभ रहेगा।

होलिका दहन 2023 पूजा विधि-

होलिका की पूजा करने से पहले भगवान श्रीगणेश और भक्त प्रह्लाद का ध्यान करें। इसके बाद होलिका में फूल, माला, अक्षत, चंदन, साबुत हल्दी, गुलाल, पांच तरह के अनाज, गेहूं की बालियां आदि अर्पित करें। इसके साथ ही भोग लगाएं।  फिर कच्चा सूत लपेटते हुए होलिका के चारों ओर परिक्रमा करें। होलिका मंत्र- ‘असृक्पाभयसंत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिषै:। अतस्तवां पूजायिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव।।’ का उच्चारण करते हुए तीन परिक्रमा करें। इसके बाद होलिका को जल का अर्घ्य दें। अब परिवार का खुशहाली व सुख-समृद्धि की कामना करें। फिर सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में होलिका दहन करें। होलिका दहन के समय अग्नि में उपले, उबटन, गेहूं की बाली, गन्ना व चावल आदि अर्पित करें। इसके बाद अगले होलिका दहन की राख माथे में लगाने के साथ पूरे शरीर पर लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक रोग मुक्त होता है।

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