Holika Dahan 2023 Muhurat Time: होलिका दहन का मुहूर्त आज शाम 5:48 से, जानें पूजन विधि, राशिनुसार शुभ रंग व सबकुछ
Holika Dahan Subh Muhurat 2023: ज्योतिषाचार्य शंभू प्रसाद कहते हैं कि छह मार्च को भद्रा लग रहा है जो सात मार्च सुबह 4.48 बजे समाप्त हो रहा है। होलिका दहन भद्रा समाप्ति के बाद ही करना उचित माना जाता है
Holika Dahan 2023 Shubh Muhurat Time and Vidhi: होलिका दहन सात मार्च शाम 5.48 से 7.22 बजे के बीच होगा। ज्यादातर ज्योतिष और पंचांग के जानकार होलिका दहन के मुहूर्त को लेकर एकमत हैं। आचार्य माधवानंद (माधव जी) कहते हैं कि सात मार्च शाम को प्रदोष काल में होलिका दहन का शास्त्रत्तेक्त मुहूर्त है। पंडित शंभूनाथ झा कहते हैं कि घर के आंगन में भक्त प्रह्लाद के साथ होलिका गोधूलि बेला में जलाई गई थी। इस वर्ष सात मार्च को सवा छह बजे से 7.24 बजे तक गोधूलि बेला में होलिका दहन का सबसे बढ़िया मुहूर्त है।
ज्योतिषाचार्य शंभू प्रसाद कहते हैं कि छह मार्च को भद्रा लग रहा है जो सात मार्च सुबह 4.48 बजे समाप्त हो रहा है। होलिका दहन भद्रा समाप्ति के बाद ही करना उचित माना जाता है। दूसरी ओर, सोशल साइट पर सात मार्च की रात 12.23 बजे से 1.35 बजे के बीच होलिका दहन को लेकर कई पोस्ट वायरल हैं। इन पोस्टों को लेकर लोगों के बीच होलिका दहन को लेकर भ्रम की स्थिति भी बनी हुई है। बताते चलें कि होलिका दहन के दिन पुरानी मान्यता के अनुसार राजा हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका को भगवान विष्णु के भक्त व अपने पुत्र भक्त प्रह्लाद को जलाने के लिए कहा था। होलिका की गोद में बैठे प्रह्लाद बच गए और होलिका जल गई थी।
दो दिन पूर्णिमा और दो दिन होलिका दहन-
दो दिन पूर्णिमा और भद्रा के कारण इस बार होलिका दहन दो दिन हो गया। अधिकांश ज्योतिषाचार्यों के मतानुसार, होलिका दहन मंगलवार 7 मार्च को होगा। होलिका दहन भद्रा मुक्त होगी और इस बार कई शुभ संयोग भी मिल रहे हैं। केदार, हंस, मालव्य, चतुष्चक्र और महाभाग्य पांच बड़े योग मिल रहे हैं।
7 मार्च को सुबह से ही प्रारंभ। सुबह से ही पूर्णिमा तिथि उपस्थित रहेगी। दोपहर तीन बजे से साढ़े चार बजे तक राहुकाल रहेगा। इस दौरान होली पूजन न करें। मंगलवार 7 मार्च की शाम 06.24 मिनट सूर्यास्त होगा। इसके बाद होलिका दहन किया जा सकता है।
30 वर्ष बाद विशेष संयोग। शनि का कुंभ राशि में प्रवेश।
होलिका दहन 2023 का शुभ मुहूर्त-
होलिका दहन 7 मार्च मंगलवार
होली पूजन 7 मार्च प्रातकाल से दोपहर 3 बजे तक
होलिका दहन 7 मार्च की शाम 6:24 से आरम्भ
दुल्हैंडी (रंगोत्सव) 8 मार्च बुधवार
भद्रा में नहीं होता दहन
कड़कड़डूमा स्थित शिव मंदिर के पुजारी अमन शर्मा ने कहा कि होलिका दहन भद्रा रहित समय में होता है। भले सोमवार को फाल्गुन माह की पूर्णिमा थी, लेकिन भद्रा की वजह से होलिका दहन नहीं किया गया।
कैसे करें पूजन
अपनी-अपनी मान्यतानुसार सवेरे हनुमानजी को रोठ चढ़ेगा। इसके बाद होलिका पूजन करें। होलिका दहन के समय रोली, गुलाल, गुझिया के साथ पूजन करें। गेहूं की बालियां भूनें और ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करते हुए परिक्रमा करें।
किस राशि के लिए कौन सा रंग शुभ
मेष-केसरिया
वृषभ-गुलाबी
मिथुन-हरा
कर्क-सफेद चंदन
सिंह-टेसू के फूल, पीला
कन्या-हरा
तुला-लाल, लाल गुलाब
वृश्चिक-लाल
धनु-पीला
मकर-नीला
कुम्भ-गहरा नीला
मीन-पीला
होलिका दहन में से पाएं सुख-समृद्धि-
पंडित शंभूनाथ झा कहते हैं कि होलिका दहन में घर में बने फुलौरी, लकड़ी आदि डालने के बाद सात बार होलिका की परिक्रमा करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य शंभु प्रसाद कहते हैं कि होलिका दहन में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति हो सकती है। सुख-समृद्धि के लिए लोगों को एक आम का पत्ता, 7 लौंग, बताशा घी में डुबोकर शरीर से न्योछ कर होलिका दहन में जलाना चाहिए। धन-प्राप्ति के लिए कमलगट्टा, जौ को घी में डूबोकर दहन करना चाहिए। इसके अलावा सूखी गड़ी-गोला में छेद कर जौ, तिल, सरसो दाना, शक्कर, चावल और घी भरकर उसे शरीर पर न्योछ कर होलिका दहन में डालना चाहिए। स्वास्थ्य के लिए नीम, लौंग, कपूर, व्यक्ति के पुराने कपड़े के साथ सात बार न्योछ कर दहन करने से लाभ हो सकता है।
होलिका दहन के बाद आठ मार्च को अमृत योग में होली त्योहार मनाया जाएगा। इस वर्ष होली बेहद शुभ संयोग में पड़ रहा है। अमृत योग में पड़ने के कारण होली शुभता का प्रतीक है। इस दौरान लोगों को अपनी राशि के अनुसार होली के रंग-गुलाल से होली खेलना विशेष लाभ पहुंचाएगा। फाल्गुन पूर्णिमा 6 मार्च शाम 4.09 बजे से 7 मार्च 5.40 बजे तक पड़ रहा है।
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