Hindi Newsधर्म न्यूज़Holi unar eclipse: Lunar eclipse will occur only on Virgo will there be Sutak period of lunar eclipse in India

chandra grahan 2024 today sutak time : चंद्र ग्रहण केवल कन्या राशि पर लगेगा, क्या भारत में होगा चंद्र ग्रहण का सूतक काल?

Holi Lunar eclipse: 25 मार्च को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत के किसी भी हिस्से में न दिखाई देने से इसका देश में कोई प्रभाव भी नहीं होगा। जिस कारण चंद्र ग्रहण का कोई दुष्प्रभाव होली के त्योहार भी नहीं पड़

Anuradha Pandey लाइव हिंदुस्तान टीम, हापुड़Mon, 25 March 2024 07:16 AM
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भारत में चंद्र ग्रहण न दिखाई देने से उसका कोई प्रभाव न पडऩे पर होलिका दहन फागुन पूर्णिमा के दिन ही होगा। धर्माचार्यों ने इस संबंध में चल रहीं भ्रांतियों को दूर किया।

2024 का पहला चंद्रग्रहण 25 मार्च को होली के दिन
25 मार्च को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत के किसी भी हिस्से में न दिखाई देने से इसका देश में कोई प्रभाव भी नहीं होगा। जिस कारण चंद्र ग्रहण का कोई दुष्प्रभाव होली के त्योहार भी नहीं पड़ पाएगा। इसलिए होलिका दहन फागुन पूर्णिमा के दिन 24 मार्च को ही होगा और अगले दिन 25 मार्च को अबीर गुलाल और रंगों की बौछार होगी। धर्माचार्य एवं भागवत कथा वाचक पंडित विनोद शर्मा शास्त्री ने बताया कि साल 2024 का पहला चंद्रग्रहण 25 मार्च को होली के दिन पड़ेगा। ग्रहण काल अशुभ माना जाता है मगर यह चंद्रग्रहण भारत में कहीं भी नहीं दिखाई देगा। इसलिए इसका सूतक काल भी देश में कहीं मान्य न होने से इसका कोई भी दुष्प्रभाव होली के त्योहार पर नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि 25 मार्च को लगने वाला चंद्र ग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। इस दौरान चंद्रमा केवल पृथ्वी की छाया के बाहरी किनारों से गुजरेगा। यह चंद्र ग्रहण केवल कन्या राशि पर लगेगा। उन्होंने बताया कि चंद्रग्रहण के कारण होली को लेकर किसी दुविधा में न पड़ें। क्योंकि पंचांग के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा पर ही होली मनाई जाती है।

--क्या है होली दहन का शुभ मुहूर्त

पंडित विनोद शर्मा शास्त्री ने बताया कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च की रात में 11 बजकर 13 बजे से रात में 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा, जिकी अवधि कुल एक घंटा 14 मिनट तक रहेगी। उन्होंने बताया कि यह चंद्रग्रहण यूरोप, उत्तर पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तर और दक्षिण अमेरिका में देखा जा सकेगा। यह प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी दिखाई देगा, परंतु भारत में न दिखाई देने से देश के साथ ही होलिका दहन पर इसका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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