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Hindu New Year Vikram Samvat 2080: आज से शुरू होने वाले विक्रम संवत 2080 के बुध होंगे राजा

Hindu New Year 2080 from March 22: 22 मार्च से हिन्दु नव वर्ष शुरू, साल भर संकल्प में उपयोग किए जाने वाला ' नल' नामक हिंदू नव वर्ष का आरंभ चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को नूतन वर्ष या नव संवत्सर के रूप म

Anuradha Pandey ज्योतिर्विद दिवाकर त्रिपाठी, नई दिल्लीWed, 22 March 2023 06:32 AM
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Hindu New Year 2080 from March 22: 22 मार्च से हिन्दु नव वर्ष शुरू, साल भर संकल्प में उपयोग किए जाने वाला ' नल' नामक हिंदू नव वर्ष का आरंभ चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को नूतन वर्ष या नव संवत्सर के रूप में होता है | इस प्रकार "राक्षस " नामक संवत्सर ( सम्वत्  2079 ) का समापन चैत्र कृष्ण पक्ष अमावस्या 21 मार्च 2023 दिन मंगलवार की रात में 11 बजकर 4 मिनट पर खत्म होगा। उसके बाद चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि आरम्भ हो जाएगी। परंतु सूर्य सिद्धान्त पर आधारित गणना के आधार पर उदया तिथि को ही नव संवत्सर की शुरुआत माना जाता है , इसी कारण 22 मार्च 2023 दिन बुधवार की सुबह 6 बजे से नव संवत्सर आरम्भ हो जाएगा तथा इसी के साथ "नल" नामक नव संवत्सर का आरम्भ हो जाएगा | भारतीय संस्कृति का सर्व मान्य नव वर्ष अर्थात् नव संवत्सर 2080 की शुरुआत होगी | यह प्रभवादि षष्टि संवत्सर चक्र का 50 वाँ  संवत्सर है | 

वर्ष भर संकल्प आदि सभी कार्यो में " नल " नामक नव संवत्सर का ही प्रयोग किया जाएगा | शास्त्रों की माने तो सृष्टि के रचयिता परम पिता ब्रह्मा जी ने चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही सृष्टि की रचना की थी अतः इसी को आधार मानकर काल गणना का सिद्धान्त चलता है | ऐसी मान्यता है कि चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को जो भी दिन या वार पड़ता है उसी वार के स्वामी ग्रह उस संवत्सर का राजा होता है तथा सूर्य की मेष राशि में संक्रांति जिस दिन होती है उस दिन के स्वामी को संवत्सर के मंत्री का पद प्राप्त होता है | नल नामक संवत्सर में अकाल महंगाई तथा वन औषधियों के क्षतिग्रस्त एवं नुकसान होने की स्थिति भी बन सकती है। चैत्र महीने में अनेकों प्रकार की बीमारियां फैल सकती हैं। वायरल अथवा विषाणु जनित रोगों में वृद्धि की संभावना होगी । 

तीव्र गति से वायु चलेगा। वैशाख का महीना खाद्यान्न एवं व्यापारिक दृष्टिकोण से अच्छा रहेगा। ज्येष्ठ का महीना राजनैतिक तथा सामाजिक दृष्टिकोण से उथल पुथल वाला होगा । इस प्रकार नल नामक संवत्सर में अचानक बड़े नुकसान के भी संकेत हैं।  इस प्रकार वर्ष का आरंभ बुधवार के दिन होने के कारण "नल" नामक इस नव संवत्सर में राजा का पद बौद्धिकता, ज्ञान, लेखन शक्ति, मैनेजमेंट के कारक ग्रह बुध को प्राप्त हुआ है तथा सूर्य की मेष राशि संक्रांति 14 अप्रैल दिन शुक्रवार को होगा। इसी कारण मंत्री का पद शुक्र को प्राप्त हो रहा है | क्योंकि नव संवत्सर में मंत्री का पद उसी ग्रह को प्राप्त होता है जिस ग्रह के वार के दिन सूर्य की मेष राशि में संक्रांति होती है। इस प्रकार राजा एवं मंत्री का पद सौम्य ग्रहों बुध एवं शुक्र को प्राप्त होने के कारण यह संवत्सर सामान्यतः शुभ फलप्रदायक होगा, जनता एवं समाज में सुख, संपन्नता, वैभव, कलात्मकता , प्रेम, आकर्षण, बौद्धिकता, राष्ट्र में मांगलिक कार्यों में वृद्धि बुद्धिमान व्यक्तियों की पहचान बढ़ेगी बौद्धिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह वर्ष अति शुभ फलदायक होगा वाणिज्यिक प्रगति, वर्षा की प्रचुरता के कारण खाद्यान्न के उत्पादन में वृद्धि होगी । आर्द्रा प्रवेश कुंडली के अनुसार लग्न में ही देव गुरु बृहस्पति स्थित होंगे तथा चतुर्थ भाव में मंगल ,शुक्र और चंद्रमा के होने के कारण वर्षा के समय में अच्छी वर्षा होने की संभावना बनेगी इस वर्ष मानसून बहुत देरी से नहीं आएगा बल्कि 14 जून से लेकर के 25 जून के मध्य में आरंभ हो जाएगा । राष्ट्र के बड़े राजनीतिक व्यक्तित्व का विश्व स्तर पर उभरकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व प्रदान करने की स्थिति उत्पन्न होगी ।

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