Hindu Nav Varsh: नए सवंत्सर में गुरु और शनि को मिलेंगे क्या पद, क्या देंगे पूरे साल फल
ग्रहों के खगोलीय मन्त्री परिषद् के 10 विभागों में 8 पद शुभ ग्रहों को प्राप्त हुआ है। राजा बुध एवं मंत्री शुक्र होंगे तथा 3 विभाग गुरु के पास, बुध एवं चंद्र के पास 2 विभाग तथा सूर्य, शनि के पास एक एक
ग्रहों के खगोलीय मन्त्री परिषद् के 10 विभागों में 8 पद शुभ ग्रहों को प्राप्त हुआ है। राजा बुध एवं मंत्री शुक्र होंगे तथा 3 विभाग गुरु के पास, बुध एवं चंद्र के पास 2 विभाग तथा सूर्य, शनि के पास एक एक विभाग रहेगा | इस वर्ष का मंत्री मण्डल के पद इस प्रकार है। राजा-बुध , मन्त्री-शुक्र , सस्येश-चन्द्र , दुर्गेश-गुरु , धनेश-सूर्य , रसेश-बुध , धान्येश-शनि , नीरसेश-चन्द्र , फलेश- गुरु , मेघेश-गुरु होंगे | साथ ही संवत्सर का निवास मालाकार का घर , समय का वाहन दोला |
राजा बुध :- बौद्धिक क्षमता, गणित, संचार, शिल्प, साहित्य एवं भाषा के कारक ग्रह ,मैनेजमेंट, विज्ञान के कारक ग्रह बुध को वर्ष का राजा का पद प्राप्त होना निश्चित तौर पर बड़े सकारात्मक परिवर्तन की स्थिति बनेगी । गणित एवं विज्ञान के क्षेत्र के साथ-साथ साहित्य लेखन के क्षेत्र में एवं कलात्मक विधाओं में प्रगति , बड़े उद्योगपतियों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्चस्व स्थापित होगा। छोटे व्यापारियों का भी सकारात्मक प्रगति होगा। लेखन कला के अवसरों में वृद्धि के साथ साथ , संचार कार्यक्रमों, कंप्यूटर टेक्नोलॉजी, पुस्तकों के प्रकाशन, पत्र-पत्रिकाओं के संपादन में तथा पत्रकारिता जगत का उत्कर्ष होता दिखाई देगा। साहित्यकारों एवं लेखकों के लिए यह वर्ष विशेष रूप से उन्नति फल कारक होगा। राष्ट्र में व्यापारिक गतिविधियों में सकारात्मक वृद्धि होगा, भू संपदा, खदानों में कार्य करने वाले लोगों का तीव्रता के साथ विकास सम्भव है।
मंत्री शुक्र :- कला, सौंदर्य , फिल्मी क्षेत्र, आकर्षण, प्रेम , सौहार्द एवं संपूर्ण भौतिक संसाधनों के कारक ग्रह शुक्र को मंत्री का पद प्राप्त होना । सिनेमा, रंगमंच, विशेषकर नृत्य कला, वाद्य कला , विभिन्न प्रकार के खेलों ,फ़िल्म, साहित्य एवं सभी कलाओं का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्चस्व बढेगा। महिलाओं के विकास, सम्मान एवं पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति के दृष्टिकोण से यह वर्ष श्रेष्ठ वर्ष के रूप में अपना पहचान बना पाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं का वर्चस्व स्थापित होगा। चाहे वह खेल क्षेत्र हो, पढ़ाई का क्षेत्र हो, साहित्य का क्षेत्र हो , फिल्म का क्षेत्र हो । राजनैतिक क्षेत्र हो, आध्यात्मिक क्षेत्र हो अथवा आर्थिक क्षेत्र हो सभी क्षेत्रों में महिलाएं अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए दिखाई देंगी। आम जन मानस की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहेंगी।
सस्येश चन्द्र ::- इस संवत्सर में सस्येश का पद चन्द्र को प्राप्त होने से भारत के सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। विश्व स्तरीय वर्चस्व में सुधार होगा । धन धान्य में वृद्धि होगी । फल, पुष्प , रसेदार फल के उत्पादकता में वृद्धि होगा। सामाजिक समरसता बढेगा। बौद्धिक वर्ग को सम्मान प्राप्त होगा।
दुर्गेश गुरु ::- इस संवत्सर में देव गुरु बृहस्पति को दुर्गेश का पद प्राप्त होने से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। मार्ग दुर्घटनाओं की दर में कमी होगी । यातायात के साधनों में वृद्धि होगी |
धनेश सूर्य ::- इस संवत्सर में सूर्य को धनेश का पद प्राप्त हुआ | सरकार द्वारा सरकार के अतिरिक्त खर्चो में कटौती करते हुए बचत किया जाएगा । दुष्टों एवं घोटालेबाजों के प्रभुत्व में कमी आएगी | लोगो को अपना प्रतिभा दिखाने का अच्छा अवसर प्राप्त होगा तथा समाज में एकजुटता लाने के लिए उच्च वर्गो का प्रयास सराहनीय होगा।
रसेश बुध :- इस संवत्सर में बुध को रसेश का पद प्राप्त होने से लोग के सुख सुविधाओं में वृद्धि की स्थिति उत्पन्न होगी । वर्षा की मात्रा पर्याप्त होने से फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, रसीले फलों में रस एवं मिठास में वृद्धि होगी | अन्न का पैदावार अधिक होगा।
धान्येश शनि ::- इस संवत्सर में धान्येश का पद शनि को प्राप्त होने से शुभकारी परिणाम कम प्राप्त होगा | इस वर्ष पर्याप्त उपज होने से खाद्यान्न में प्रचुरता तो होगी परंतु गुडवत्ता कम होगी | प्राकृतिक खाद्यान्न या प्राकृतिक संसाधनों का नुकसान होगा है। इस संवत्सर में गुजरात के आसपास के क्षेत्रों में अचानक बड़ी क्षति दिखेगी।
नीरसेश चन्द्र ::- इस संवत्सर में नीरसेश का पद चंद्रमा को ही प्राप्त हुआ है | फलस्वरूप सफेद वस्तुओं, चाँदी , कपास, दुग्ध क्षेत्र में वृद्धि ,धार्मिक कार्यो में वृद्धि ,कला के प्रदर्शन में नए कीर्तिमान राष्ट्र स्थापित करेगा| पानी पर्याप्त बरसेगा। बाढ़ की भी स्थिति संभव है।
फलेश गुरु ::- इस संवत्सर में फलेश का दायित्व गुरु को प्राप्त होना अति उत्तम फलदायी है | पृथ्वी पर फूल फल का उत्पादन उत्तम होगा । आम जन मानस भय मुक्त होकर पृथ्वी के सुन्दर उत्पादों का उपभोग कर सकेंगे | उत्पादन व्यवस्था अति उत्तम होगी। औद्योगिक कार्यों में खूब विकास होगा एवं लाभ की भी प्राप्ति अच्छी होगी । सरकारी योजनाओं का लाभ जनता को प्राप्त होगा। कर्म का फल अच्छा प्राप्त होगा।
मेघेश गुरु ::- इस संवत्सर में मेघेश का भी पद गुरु को ही प्राप्त हुआ है ,जो अति शुभफल दायक होगा | राष्ट्र में संसाधनों का वितरण आम जन मानस में सामान्य एवं बराबर होगा।
इस संवत्सर में रोहिणी का वास समुद्र में हो रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप अधिक वर्षा होने की सम्भावना है |
इस संवत्सर का निवास मालाकार के घर होने से यह संवत्सर प्रत्येक वर्ग के लिए उत्तम व्यतीत होगा | खाद्यान्न वस्तुएं सस्ती होंगी ,महंगाई में कमी आयेगी ।
इस संवत्सर में समय का वाहन दोला होने के कारण जनता के सुख में कमी आएगी। वर्षा ऋतु में अति वर्षा होगी तथा सभी जीवो को अचानक दुःख का सामना करना पड़ सकता है | हाहाकार होगा। सर्वत्र संग्राम एवं तनाव की स्थिति बनेगी।
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