Hindi Newsधर्म न्यूज़Hartalika Teej 2021: Lord Shiva and Maa Parvati Puja Muhurat on Hartalika Teej today and Puja Vidhi - Astrology in Hindi

Hartalika Teej 2021: आज हरतालिका तीज पर इन 5 मुहूर्त में भूलकर भी न करें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा

सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य देने वाला हरतालिका तीज व्रत आज यानी 9 सितंबर को है। इस दिन पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए सुहागिनें माता पार्वती और भगवान शिव की अराधना करती हैं। इस दिन...

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीThu, 9 Sep 2021 07:07 AM
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सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य देने वाला हरतालिका तीज व्रत आज यानी 9 सितंबर को है। इस दिन पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए सुहागिनें माता पार्वती और भगवान शिव की अराधना करती हैं। इस दिन महिलाएं बिना अन्न-जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज व्रत को सबसे कठिन व्रतों में जाना जाता है। इस दिन कुंवारी कन्याएं भी सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए उपवास रखती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज व्रत हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। जानिए हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त और पूजा विधि-

इन मुहूर्त में न करें पूजा-

राहुकाल- दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। 
यमगंड- सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक। 
गुलिक काल- सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। 
दुर्मुहूर्त काल- दोपहर 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक। 
वर्ज्य काल- मध्‍यरात्रि 11 बजकर 50 मिनट से 01 बजकर 20 मिनट तक।

हरतालिका तीज व्रत शुभ मुहूर्त-

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, हरतालिका तीज व्रत की पूजा के लिए 09 सिंतबर को शाम 06 बजकर 10 मिनट से रात 07 बजकर 54 मिनट का समय शुभ है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, यह सर्वार्थ सौभाग्य वृद्धि करने वाला मुहूर्त है। आज रवि योग का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। ये संयोग करीब 14 साल बाद बन रहा है।

हरितालिका तीज पूजा विधि-

1. हरितालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
2. सबसे पहले मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं और भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें।
3. इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
4. तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
5. इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं।

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