Hindi Newsधर्म न्यूज़Hartalika Teej 2021: Here is the exact date of Hartalika Teej know the auspicious time and Puja Vidhi - Astrology in Hindi

Hartalika Teej 2021: ये है हरतालिका तीज की सही तारीख, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिंदू धर्म में भाद्रपद मास में कई व्रत-त्योहार आते हैं। जिनमें से एक हरतालिका तीज भी है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत रखा जाता है। मान्यता है...

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीThu, 2 Sep 2021 12:31 PM
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हिंदू धर्म में भाद्रपद मास में कई व्रत-त्योहार आते हैं। जिनमें से एक हरतालिका तीज भी है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन के लिए रखती हैं। इस व्रत को सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है क्योंकि यह व्रत निर्जला रखा जाता है। कुंवारी कन्याएं हरतालिका तीज व्रत को सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं। हरतालिका तीज व्रत के लिए मायके से महिलाओं के श्रृंगार का समान, मिठाई, फल और कपड़े भेजे जाते हैं। जानिए हरतालिका तीज व्रत तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि-

हरतालिका तीज व्रत कब है?

भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 8 सितंबर, दिन बुधवार को देर रात 2 बजकर 33 मिनट पर होगा। यह तिथि 09 सितंबर को रात 12 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में यह व्रत उदया तिथि में 09 सितंबर को रखा जाएगा।

हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त-

हरतालिका तीज की पूजा के दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। पहला शुभ मुहूर्त सुबह के समय और दूसरा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद बन रहा है।

सुबह का मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 03 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त है। पूजा के लिए आपको कुल समय 02 घंटे30 मिनट का समय मिलेगा।

प्रदोष काल पूजा मुहूर्त- शाम को 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है।

हरतालिका तीज महत्व-

हरतालिका तीज व्रत करने से पति को लंबी आयु प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुयोग्य वर की भी प्राप्ति होती है। संतान सुख भी इस व्रत के प्रभाव से मिलता है।

हरितालिका तीज पूजा विधि (Hartalika Teej 2021 Puja Vidhi)-

1. हरितालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।

2. सबसे पहले मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं और भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें।

3. इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।

4. तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें।

5. इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं।

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