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Ganesh Ji ki Aarti : आज सकट चौथ पर पढ़ें जय गणेश, जय गणेश देवा, यहां पढ़ें गणेश जी की आरती

किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की आरती की जाती है। आज सकट चौथ का दिन ही गणपति भगवान का है। माघ मास की चतुर्थी को सकट चौथ के नाम से जाना जाताहै। इस दिन गणपति की आरती और उनका पूजन किया जाता है और शाम

Anuradha Pandey लाइव हिंदुस्तान टीम, नई दिल्लीTue, 10 Jan 2023 08:12 AM
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किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की आरती की जाती है। आज सकट चौथ का दिन ही गणपति भगवान का है। माघ मास की चतुर्थी को सकट चौथ के नाम से जाना जाताहै। इस दिन गणपति की आरती और उनका पूजन किया जाता है और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत संपन्न किया जाता है। इस पावन दिन गणपति की आरती जरूर कर लें। गणपति की आरती के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

यहां देखें गणेश जी की आरती

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी। 
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया। 
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।। 
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .. 
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। 

Download Lakshmi Ji Ki Aarti Pdf : डाउनलोड करें लक्ष्मी जी की आरती- जय लक्ष्मी माता

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। 
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।

Ganesh Ji Ki Aarti

पढ़ें भगवान श्रीगणेश की आरती-

सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची

नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची

सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची

कंठी झलके माल मुक्ता फलांची।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा

चंदनाची उटी कुमकुम केशरा

हीरे जड़ित मुकुट शोभतो बरा

रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

लम्बोदर पीताम्बर फणिवर बंधना

सरल सोंड वक्र तुंड त्रिनयना

दास रामाचा वाट पाहे सदना

संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुर वर वंदना।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव ।।

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