Hindi Newsधर्म न्यूज़ganesh ji ki aarti hindi mein jai ganesh jai ganesh jai ganesh deva mata ji ki parwati pita mahadeva

Ganesh Ji Ki Aarti : गणेश जी की आरती, जय गणेश, जय गणेश देवा...

Aarti Ganesh Ji Ki : सकट चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन भगवान श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए आरती जरूर करें। आरती करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीMon, 29 Jan 2024 09:19 PM
share Share

Ganesh Ji Ki Aarti : 29 जनवरी 2024 को सकट चौथ या संकष्टी चौथ का व्रत रखा जाएगा। इस दिन लोग भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सकट चौथ का व्रत रखने से संतान निरोगी और दीर्घायु होती है। कहते हैं कि भगवान श्रीगणेश की कृपा से सभी बिगड़े काम भी बन जाते हैं। सकट चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।  इस पावन दिन भगवान श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए आरती जरूर करें। भगवान की आरती करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आगे पढ़ें भगवान श्री गणेश की आरती- 

भगवान श्री गणेश की आरती- 
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी। 
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

 

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया। 
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।। 
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .. 
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। 

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। 
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।

॥ श्री गणपतीची आरती ॥

सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची।

नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची।

सर्वांगी सुन्दर उटि शेंदुराची।

कण्ठी झळके माळ मुक्ताफळांची॥

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति।

दर्शनमात्रे मनकामना पुरती॥

रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा।

चन्दनाची उटि कुंकुमकेशरा।

हिरे जड़ित मुकुट शोभतो बरा।

रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया॥

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति।

दर्शनमात्रे मनकामना पुरती॥

लम्बोदर पीताम्बर फणिवर बन्धना।

सरळ सोण्ड वक्रतुण्ड त्रिनयना।

दास रामाचा वाट पाहे सदना।

संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवरवन्दना॥

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति।

दर्शनमात्रे मनकामना पुरती॥

अगला लेखऐप पर पढ़ें