Hindi Newsधर्म न्यूज़Eclipse October 2023: Detail related to the solar and lunar eclipse occurring on 14 and 28 October

Eclipse October: 14 व 28 अक्टूबर लगने वाले सूर्य व चंद्रग्रहण से जुड़ी पढ़ें हर छोटी-बड़ी डिटेल, ज्योतिषाचार्य से जानें

Solar Eclipse October 2023: साल का दूसरा व अंतिम सूर्यग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा। जानें साल का आखिरी सूर्यग्रहण क्या भारत में नजर आएगा, सूतक काल और कहां-कहां दिखेगा ग्रहण:

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 14 Oct 2023 05:35 AM
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Surya Grahan and chandra grahan October 2023: ज्योतिष के अनुसार अक्टूबर माह बहुत खास है। इस माह में पंद्रह दिन के अंतराल से सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों लग रहे हैं। सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर शनिवार के दिन सर्व पितृ अमावस्या के दिन लगेगा। इसके पंद्रह दिन बाद 28 अक्टूबर की रात चंद्र ग्रहण लगेगा। यह जानकारी देते हुए श्री हरि ज्योतिष संस्थान के ज्योतिर्विद पंडित सुरेंद्र शर्मा एवं ज्योतिषाचार्य पंडित केदार मुरारी ने बताया सूर्यग्रहण 14 अक्टूबर की रात 8 बजकर 34 मिनट से रात 2 बजकर 25 मिनट तक रहेगा।

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रात में होने के कारण यह भारत में नजर नहीं आएगा। इसलिए यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। यह कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में रहेगा। जबकि साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 28 और 29 अक्टूबर की मध्य रात 1 बजकर 5 मिनट से लगेगा और रात 2 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा। यह भारत में भी देखा जा सकेगा। इसलिए यहां सूतक के नियम भी लागू होंगे। सूतक काल 28 अक्टूबर की सायं चार बजकर 5 मिनट से शुरू हो जाएगा। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और पूजा नहीं होगी।

साल का दूसरा सूर्यग्रहण कहां दिखेगा?

साल का दूसरा व आखिरी सूर्यग्रहण ब्राजील, पराग्वे, जमैका, हैती, अमेरिका, चिली, डोमिनिका, बहामास, कनाडा, अर्जेंटीना, कोलंबिया, मैक्सिको, क्यूबा, बारबाडोस, एंटीगुआ समेत अन्य कई देशों में दिखाई देगा। 

कंकणाकृति सूर्यग्रहण क्या होता है?

जब सूर्यग्रहण में चंद्रमा सूर्य के बीचों-बीच आ जाता है। सूर्यग्रहण के दौरान तब एक रिंग यानी छल्ले की आकृति बनती है। इसे वलयाकार या कंकणाकृति सूर्यग्रहण भी कहते हैं।

सूतक काल क्या होता है?

सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण से पूर्व की एक निश्चित समयावधि को सूतककाल कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं की मानें, सूतक काल के समय पृथ्वी का वातावरण दूषित होता है। सूतक काल में अशुभ दोषों से बचाव के लिए कुछ सावधानी बरतनी चाहिए।

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