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Hindi Newsधर्म न्यूज़Diwali Calendar 2023: One day is vacant in the five-day festival of Diwali astrologer told the exact date of Govardhan Puja Bhaiya Dooj

Diwali Calender 2023: Diwali के पांच दिन के पर्व में एक दिन है खाली, ज्योतिषार्य ने बताई गोवर्धन पूजा और भैया दूज की सही डेट

Govardhan Puja Bhaiya Dooj date:धनतेरस 10 नवम्बर शुक्रवार, छोटी दिवाली 11 नवंबर, बड़ी दिवाली 12 नवंबर को होगी। वहीं 13 नवंबर का दिन रिक्त होगा, जिसे कार्तिक अमावस्या के स्नान दान के लिए प्रयोग किया जा

Anuradha Pandey वरिष्ठ संवाददाता, मेरठWed, 8 Nov 2023 04:27 PM
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 हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में दिवाली का पर्व मनाया जाता है। दिवाली पंच पर्व के रूप में मनाई जाती है। धन त्रयोदशी से भैयादूज तक पर्वों को घरों में उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार ज्योतिषी गणना के अनुसार गोवर्धन पूजन की तिथि दिवाली से एक दिन आगे हो पड़ रही है। इसे लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है। ज्योतिषचार्य विभोर इंदूसुत ने भ्रम को दूर करते हुए सभी पर्वों की तिथि व पूजन का समय स्पष्ट किया है।

Diwali एक दिन रिक्त
 
ज्योतिषचार्य विभोर के अनुसार पांच दिन के इस पर्व के बीच एक दिन रिक्त होगा। इस बार धन त्रयोदशी से बड़ी दिवाली तक तीनों पर्व तो सीधे क्रम में हैं। इसमें धनतेरस 10 नवम्बर शुक्रवार, छोटी दिवाली 11 नवंबर, बड़ी दिवाली 12 नवंबर को होगी। वहीं 13 नवंबर का दिन रिक्त होगा, जिसे कार्तिक अमावस्या के स्नान दान के लिए प्रयोग किया जाएगा।

14 को होगा गोवर्धन पूजन
बड़ी दिवाली के अगले दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा में गोवर्धन पर्व मनाया जाता है। इस बार 13 नवंबर दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक अमावस्या तिथि ही रहेगी। दोपहर 256 पर प्रतिपदा शुरू होगी और तब तक दिन का अधिकांश समय निकल चुका होगा। 14 नवम्बर को प्रतिपदा तिथि सूर्योदयकाल से लेकर दोपहर 236 बजे तक रहेगी। ऐसे में सुबह प्रतिपदा की उपस्थिति में मंदिरों में अन्नकूट भोग आदि पूजन किया जा सकेगा। 14 नवंबर को उदय तिथि प्रतिपदा होने से संध्याकाल में भी तिथि मान्य रहेगी। घरों में संध्याकाल में भी गोवर्धन पूजा कर सकेंगे। इसलिए इस बार गोवर्धन पर्व 14 नवम्बर को मनाया जायेगा। इसके बाद भाईदूज का पर्व 15 को मनाया जाएगा।

पितरों के लिए दीपदान का समय
ज्योतिषचार्य विभोर इंदुसूत के अनुसार अमावस्या संध्याकाल और रात्रि में 12 नवंबर को ही उपस्थित रहेगी। अमावस्या 12 नवंबर को दोपहर दो बजकर 44 मिनट पर शुरू हो रही है और 13 नवंबर को दोपहर दो बजकर 56 मिनट तक रहेगी। अपने घर के देवताओं पर 12 नवंबर को ही दीपदान होगा और दो बजकर 44 मिनट से ही इसका समय शुरू होगा। इसके अलावा जो लोग 12 नवंबर को दीपक नहीं जला पाए, वह 13 नवंबर को सुबह से दोपहर 2.56 बजे तक भी अमावस्या तिथि में दीपक जला सकते हैं।

Diwali पूजन के श्रेष्ठ मुहूर्त और सरल विधि
12 नवंबर रविवार प्रात 920 से 1124 के मध्य धनु लग्न में व्यवसायिक स्थलों पर पूजन का उत्तम समय रहेगा। इसके बाद दोपहर 106 बजे से 234 के मध्य स्थिर लग्न कुम्भ में भी पूजन करना उत्तम होगा। प्रात 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 25 मिनट के बीच सर्वश्रेष्ठ और सिद्ध अभिजीत मुहूर्त उपस्थित रहेगा, जो व्यवसायिक स्थलों पर पूजन के लिए श्रेष्ठ समय होगा। घर में पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त शाम को 6 बजे से 731 के बीच रहेगा।

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