Dhanu Sankranti Kharmas: आज से शुरू होंगे खरमास, खरमास के समय में सूर्य देव के गति हो जाती है धीमी
एक माह के लिए खरमास लग गया है। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि इस वर्ष 16 दिसबंर सुबह 1011 बजे सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेगा। संक्रांति का विशेष महत्व है। संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान
इटावा, संवाददाता।
धनु संक्रांति आते ही अगले 30 दिन तक सभी शुभ कार्य बंद हो जाएंगे। इस दौरान शुभ कार्यों पर विराम लग जाता है। इस अवधि को खरमास कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस साल सूर्य 16 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश करेंगे और जिसके साथ ही खरमास प्रारंभ हो जाएगा।
इस संबंध में भागवताचार्य पंडित किशन स्वरूप दुबे ने बताया हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल खरमास 16 दिसंबर से लगने जा रहा है और जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे तक खरमास समाप्त होगा। सूर्य 15 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे यानि 16 दिसंबर से लेकर 15 जनवरी तक खरमास रहेगा।
उन्होंने बताया धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास को मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है क्योंकि इस दौरान धनु राशि में सूर्य के होने से स्थितियां बिगड़ जाती हैं। शादी-विवाह जैसे कार्य नहीं किए जाते। मान्यता है कि अगर खरमास में शादी की जाए तो सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति नहीं होती इसलिए खरमास में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। इसके अलावा खरमास में लगन, गृह प्रवेश, जनेऊ और मुंडन जैसे कार्य भी वर्जित होते हैं। अगर कोई नया बिजनेस शुरू करने की सोच रहा है तो भूलकर भी खरमास के महीने में शुरुआत न करें क्योंकि इससे नुकसान ही होगा।
आचार्य ने बताया माना जाता है कि खरमास में सूर्य देव का प्रभाव कम रहता है. इसलिए शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। एक साल में में दो बार खरमास लगता है. एक खरमास मध्य मार्च से मध्य अप्रैल के बीच और दूसरा खरमास मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी तक रहता है.
क्यों लगता है खरमास और कैसे लगता है
इटावा। खरमास क्यों लगता है और कैसे लगता है. इस संबंध में यमुना नदी के किनारे मां पीतांबरा धाम मंदिर के पुजारी पंडित अजय दुबे ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार खरमास के समय में सूर्य देव के गति धीमी हो जाती है. जिसके कारण सूर्य देव के रथ के घोड़े आराम करने लगते हैं और उनके रथ को खर खींचते है. इस बदलाव के कारण इस माह को खरमास कहा जाता है.
उन्होंने बताया हिन्दू पंचांग के अनुसार एक साल में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं। सूर्य जब धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो इन्हें धनु संक्रांति और मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य जब धनु व मीन राशि में रहते हैं तो इस अवधि को मलमास या खरमास कहते हैं इसमें शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। जनवरी 2023 के शुभ विवाह मुहूर्त 16, 18, 19, 25, 26, 27, 30 और 31 जनवरी को है। यानि जनवरी में 8 शुभ दिन विवाह के लिए उपलब्ध हैं।
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