Dev uthani ekadashi: इस दिन गन्ने का मंडप सजाकर की जाती है तुलसी और भगवान विष्णु की पूजा
देवोत्थान एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। देवोत्थान एकादशी पर्व चार नवंबर को मनाया जाएगा। भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। घरों में देवोत्थान भगवान की आकृति बनाई जाएगी। इस गन्ने का मंडप सजा
देवोत्थान एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। देवोत्थान एकादशी पर्व चार नवंबर को मनाया जाएगा। भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। घरों में देवोत्थान भगवान की आकृति बनाई जाएगी। इस गन्ने का मंडप सजाते हैं और शाम दिए जलाकर देवताओं को उठाया जाता है।
इसके साथ ही उठो देव जागो देव का गीत गाया जाता है। साथ में शाम में शकरकंद, सिंघाड़े आदि से पूजन होगा। सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। स्थाइस दिन तुलसी पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि तुलसी पूजा करने से सभी संकट हट जाते हैं।
इस दिन तुलसी की विशेष पूजा होती है, खासतौर पर उन्हें सुहाग का सामान और चुनरी अर्पित किया जाता है।इसलिए घर में तुलसी के नियम को मानने चाहिए। तुलसी को हमेशा जल अर्पित करने से बिल्कुल भी मुंह झूठा न करें। मान्यता है कि तुलसी में सूर्योदय के समय जल अर्पित करना सर्वोत्तम माना जाता है. इस बात का भी खास ख्याल रखें कि तुलसी के पौधे में जरूरत से ज्यादा जल अर्पित नहीं करना चाहिए.
- शास्त्रों में तुलसी के पत्तों को चबाकर न खाने और रात के समय तुलसी न तोड़ने की सलाह दी जाती है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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