चंद्र ग्रहण सूतक का समय : राजस्थान के खाटू श्याम मंदिर में कब बंद और खुलेंगे कपाट
Chandra Grahan , Sutak Time : प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर, सीकर के कपाट सूतक लगने से कुछ समय पहले बंद हो जाएंगे। कपाट आज दोपहर 3.30 बजे बंद होंगे और 29 अक्टूबर 2023 को सुबह 5.15 बजे खुलेंगे।
Chandra Grahan , Sutak Time : आज रात 1.05 बजे से चंद्र ग्रहण शुरू हो जाएगा। यह रात 2.24 बजे तक चलेगा। एक घंटा 19 मिनट तक चंद्र ग्रहण रहेगा। इस चंद्र ग्रहण में तिथि बदल जा रही है, बावजूद सूतक तो मान्य होगा ही। ग्रहण के 9 घंटे पूर्व सूतक लग ( Sutak kab se lagega ) जाता है। इस अनुसार 28 अक्तूबर को शाम 4.05 बजे से सूतक लग जाएगा। ऐसे में पूजा पाठ करने की मनाही रहेगी। शुक्ल पक्ष पूर्णिमा का प्रवेश शनिवार 28 अक्तूबर के भोर में 4.17 बजे हो रहा है। राजस्थान के प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर, सीकर के कपाट सूतक लगने से कुछ समय पहले बंद हो जाएंगे। मंदिर की श्री श्याम मंदिर कमेटी ने कहा है कि आज 28 अक्टूबर शरद पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण ( Lunar Eclipse Sutak Time ) होने के कारण श्याम मंदिर खाटूश्यामजी के कपाट आज दोपहर 3.30 बजे बंद होंगे और 29 अक्टूबर 2023 को सुबह 5.15 बजे खुलेंगे। सभी श्याम भक्त इस समय के बाद दर्शन के लिए आएं। गौरतलब है कि शनिवार व रविवार को लाखों की तादाद में श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन के लिए यहां आते हैं, इसलिए वे मंदिर खुलने व बंद होने के समय को देखकर ही आने की योजना बनाएं।
बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने का समय, गंगा आरती का समय भी बदला
चंद्रग्रहण सूतक के कारण बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर आज शाम 4 बजे ही बंद हो जाएंगे। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि समिति के अधीनस्थ सभी मंदिर सूतककाल में बंद रहेंगे। ग्रहण काल का समय रात एक बजकर चार मिनट है। नौ घंटे पहले सूतक लगेगा। शनिवार को महाभिषेक और रुद्राभिषेक सहित सभी प्रात कालीन पूजाएं अपने नियत समय पर ही होंगी। श्री बदरीनाथ मंदिर में पूर्वाह्न 11 बजे राजभोग लगेगा। फिर मंदिर सफाई के बाद दोबारा मंदिर दोपहर दो बजे खुलेगा। दो बजकर 10 मिनट पर सायंकालीन आरती होगी। अपराह्न साढ़े तीन बजे शयन आरती के बाद शाम चार बजे श्री बदरीनाथ मंदिर बंद हो जाएगा। श्री केदारनाथ मंदिर में भी शनिवार सुबह सभी पूजाएं विधिवत होंगी। चार बजे तक श्रद्धालु दर्शन करते रहेंगे। फिर मंदिर बंद हो जाएगा और अगले दिन शुद्धिकरण के बाद खुलेगा।
चंद्रग्रहण के सूतककाल के कारण रोजाना शाम साढ़े पांच बजे हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर होने वाली गंगा आरती के समय में परिवर्तन किया गया है। शनिवार को गंगा आरती अपराह्न साढ़े तीन बजे होगी।
सूतक काल में भोजन बनाना व खान वर्जित
पुरोहितों के अनुसार, इस दिन शनिवार शाम 4.05 बजे से सूतक लग जाएगा। सूतक के दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। घर और बाहर में पूजा-पाठ और अन्य सभी धार्मिक अनुष्ठान नहीं होंगे। सूतक काल में भोजन बनाना और खाना निषेध रहेगा। रात में भोजन बनाना और उसे ग्रहण करना निषेध रहेगा। रोगी, वृद्ध और बच्चे भोजन कर सकेंगे। कच्चा खाना, मिठाई वगैरह में तुलसी पत्ता व कुश डालकर रखें। तुलसी और कुश पर ग्रहण का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।
शरद पूर्णिमा की खीर कब खाएं
सूतक से पहले और मोक्ष के बाद शरद पूर्णिमा मनायी जा सकती है। अगर शुद्ध परंपरा का निर्वाह करना है तो यह मोक्ष प्राप्ति के बाद किया जा सकता है। इसके लिए 28 अक्तूबर शनिवार की रात्रि चंद्रग्रहण समाप्त होने के पश्चात 0224 बजे स्नान-ध्यान कर खीर बनाकर चांद की चांदनी में रखकर 29 अक्तूबर सूर्योदय के बाद इसे प्रसाद के स्वरूप में ग्रहण किया जा सकता है।
रांची के आचार्य प्रणव मिश्रा का कहना है कि चंद्रगहण के बाद भी शरद पूर्णिमा मनायी जा सकती है। मोक्ष के बाद स्नान कर और खीर बनाकर उसे चंद्रमा की चांदनी में रखा जा सकता है। रांची के पंडित रामदेव पांडेय का कहना है कि सूतक काल में भोजन बनाना, ग्रहण करना पूरी तरह निषेध है। लेकिन, अशक्त लाचार, रोगी सूतक काल में भी भोजन ग्रहण कर सकते हैं।
कहां कहां दिखेगा
ग्रहण भारत सहित श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, ईरान, ईराक आदि अधिकांश देशों में स्पष्ट देखा जा सकेगा।
क्या करें
- शनिवार को शाम 4 बजे से पहले ही तुलसी दल तोड़ लें
- खाने-पीने के सामान और प्रशाद में तुलसीदल डाल दें
- ग्रहण समाप्ति के बाद पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें
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