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Chandra Grahan Lunar Eclipse 2020: जानें इस ग्रहण की 5 खास बातें

Chandra Grahan Lunar Eclipse January 2020 Timings in India: चंद्र ग्रहण लगने में अब सिर्फ कुछ घंटे बाकी रह गए हैं। साल 2020 का यह पहला चंद्र ग्रहण है। यह ग्रहण 10 जनवरी की रात 10.37 मिनट से शुरू होगा...

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीFri, 10 Jan 2020 10:45 PM
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Chandra Grahan Lunar Eclipse January 2020 Timings in India: चंद्र ग्रहण लगने में अब सिर्फ कुछ घंटे बाकी रह गए हैं। साल 2020 का यह पहला चंद्र ग्रहण है। यह ग्रहण 10 जनवरी की रात 10.37 मिनट से शुरू होगा तथा रात्रि 2.42 मिनट तक रहेगा। इस बार का चंद्र ग्रहण भारत में देखा जा सकेगा। साथ ही यूरोप, एशिया अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीपों के कई इलाकों में देखा जा सकेगा। साल 2020 में चार चंद्रग्रहण हैं जिसमें से 10 जनवरी को होने वाला ग्रहण पहला चंद्रग्रहण होगा। धार्मिक दृष्टि से भारत में इसका कोई महत्व नहीं होगा। यह उप छाया ग्रहण है। उप छाया चन्द्र ग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह से छिपता नहीं, न ही उसकी काली छाया पृथ्वी पर गिरती है। इस तरह का चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण से काफी धुंधला होता है। 

1. चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है। इसमें कोई परेशानी नहीं है। हालांकि, धार्मिक मान्‍यता के अनुसार चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखना शुभ नहीं माना जाता है। गर्भवती महिलाओं को तो ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। शास्‍त्रों के अनुसार चंद्रग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए। भोजन करना, पूजा करना, कंघी करना, ब्रश करना, स्‍नान करना और घर से बाहर जाने से भी मना किया जाता है।

2. यह यूरोप, अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया में देखने को मिलेगा।
जानें लंदन, यूरोप, दुबई और दिल्ली में किस समय चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। 
लंदन: 7:10 p.m. 10 जनवरी
यूरोप: 8:10 p.m. 10 जनवरी
कायरो: 9:10 p.m. 10 जनवरी
मॉस्को: 10:10 p.m.10 जनवरी
दुबई: 11:10:02 p.m 10 जनवरी
नई दिल्ली: 12:40 a.m. 11 जनवरी
शंघाई: 3:10 a.m. 11  जनवरी
पर्थ: 3:10 a.m. 11 जनवरी

3. नहीं लगेगा सूतक
ज्योतिषियों का कहना है कि भारत में इस ग्रहण का असर न के बराबर होगा। इस ग्रहण पर सूतक नहीं लगेंगे और मंदिरों के कपाट भी बंद नहीं होंगो। धार्णिक जानकारों के अनुसार इस ग्रहण को ग्रहण की कोटि में नही रखा जाता है। 

4. चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक कारण-
खगोल विज्ञान के अनुसार जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध पर आते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है तो चंद्र ग्रहण होता है। इसी प्रकार जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है यानी सूर्य के प्रकाश को आशिंक या पूरा कुछ समय के लिए रोक लेती है तो सूर्य ग्रहण होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है इसका किसी के जीवन पर बुरा या अच्छा  असर नहीं होता।

5. खुले रहेंगे मंदिर
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तरह के ग्रहण को मांद्यचंद्र ग्रहण कहते हैं। चूंकि इस ग्रहण में चंद्रमा का कोई हिस्सा नहीं छिपेगा, बल्कि चांद मटमैला सा दिखेगा। इसलिए ज्योतिष इस तरह के ग्रहण को ग्रहण नहीं कहते। इसकी धार्मिक मान्यता नहीं है। इसलिए इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद नहीं होंगे।

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